कोरोना महामारी में जिन्हें योद्धा का दर्जा दिया गया। जिन्हें फ्रंटलाइन वॉरियर्स कहा गया। जिनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताली और थाली पिटवाई आज उन्हें अपने हक के लिए हड़ताल पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसी खबरें दिल्ली से लेकर भोपाल और पटना तक से आ रही हैं।
स्टाइपेंड की राशि बढ़ोतरी की मांग को लेकर बुधवार की सुबह से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के प्रमुख डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि हमलोगों की प्रमुख मांग स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की है।
Published: undefined
उन्होंने बताया कि प्रत्येक तीन साल के बाद स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने का सरकार ने 2017 में भरोसा दिया था, लेकिन उस समय के बाद अब तक स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की गई लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। आखिरकार हम लोगों को हड़ताल पर जाना पड़ा।
Published: undefined
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य के पीएमसीएच, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न इस हड़ताल में शामिल हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined