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जज लोया केसः हाई कोर्ट में पहली याचिका के पीछे आरएसएस का हाथ, आखिर मकसद क्या था?

जज लोया की मौत के केस में पहली जनहित याचिका दायर करने वाले सूरज लोलगे के बीजेपी और आरएसएस नेताओं से करीबी संबंध थे। सवाल उठता है कि लोलगे से याचिका दायर करवाने के पीछे आरएसएस-बीजेपी का मकसद क्या था।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट के जज बीएच लोया की दिसंबर 2014 में मौत हो गई थी

मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत के जज बीएच लोया की मौत और जांच के बाद अब इस मामले में दायर जनहित याचिका और उसके पीछे के मकसद को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जज लोया की मौत के मामले में पहली जनहित याचिका दायर करने वाले शख्स के बीजेपी और आरएसएस से करीबी संबंध होने की बात सामने आई है। इसके बाद ये सवाल खड़ा हो गया है कि ये जनहित याचिका जज लोया की हत्या में कार्रवाई के लिए दायर की गई थी या फिर जांच नहीं होने देने के लिए?

इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने कई अहम दस्तावेजों के साथ गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने दावा किया कि जज लोया केस में जो पहली जनहित याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में दायर हुई थी, उसके पीछे आरएसएस और बीजेपी नेताओं का हाथ था। सिब्बल ने कहा कि इस याचिका का मकसद था कि किसी तरह से ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाए और फिर सुप्रीम कोर्ट में इन जनहित याचिकाओं पर जो फैसला आया, वो सबके सामने है।

सिब्बल ने बताया कि जज लोया की 2014 में हुई मौत के मामले में कैरवन ने अहम खुलासे करती एक रिपोर्ट 20 नवंबर 2017 को छापी थी। इसके बाद इस मामले में 23 नवंबर 2017 को जांच शुरू हुई थी, जिसकी रिपोर्ट 28 नवंबर 2017 को आई थी। लेकिन इसी बीच 27 नवंबर 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। यह याचिका नागपुर के रहने वाले सूरज लोलगे उर्फ सूर्यकांत लोलगे ने दायर की थी, जो कि बीजेपी और आरएसएस के बेहद करीबी हैं। इस मामले में और कई याचिकाएं दायर हुई थीं, लेकिन सभी 2018 में दायर हुई थीं।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

सिब्बल ने अपने आरोपों के समर्थन में कई सबूत भी मीडिया के सामने रखे। उन्होंने सूरज लोलगे और नागपुर के वकील सतीश उइके के भाई प्रदीप उइके के बीच 3 फरवरी और 10 फरवरी 2018 को फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग मीडिया के सामने पेश करते हुए दावा किया कि सूरज लोलगे ने आरएसएस के भैया जी जोशी के कहने पर यह याचिका दायर की थी। यही नहीं लोलगे ने जोशी के दबाव में ही हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस नहीं ली थी। इस बातचीत में उपेन्द्र कोठेकर नाम के एक शख्स का भी जिक्र है, जिसके जरिये भैया जी जोशी ने लोलगे पर दबाव बनाया था। लोलगे और प्रदीप उइके के बीच बातचीत की कॉल रिकॉर्ड से साफ पता चलता है कि लोलगे ने आरएसएस के सरकार्यवाह भैया जी जोशी के कहने पर जज लोया मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और उनके कहने पर ही उसे वापस नहीं लिया। कॉल रिकॉर्ड में लोलगे ने उइके को बताया कि उपेन्द्र कोठेकर के जरिये ही उसकी भैय्या जी जोशी से मुलाकात होती है।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

इसके अलावा लोलगे ने दिसंबर, 2016 में नगरपालिका चुनाव में बीजेपी से टिकट की मांग की थी और इसके लिए उन्होंने आवेदन के पैसे भी जमा कराए थे। इसके लिए बीजेपी को भुगतान किए गए पैसे की रसीद कपिल सिब्बल ने मीडिया के सामने पेश किया।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

इसके अलावा लोलगे के महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस के साथ भी काफी करीबी संबंध थे। सिब्बल ने दो तस्वीरें पेश की, जिनमें से एक तस्वीर में लोलगे देवेंद्र फडणवीस को फूल देते हुए नजर आ रहे हैं।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

वहीं, दूसरी तस्वीर में फणनवीस एक मंच से भाषण दे रहे हैं और उनके पीछे मंच पर लगे बैनर में सूरज लोलगे का नाम और नंबर लिखा हुआ साफ नजर आ रहा है।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

एक अन्य तस्वीर में लोलगे आरएसएस की युवा इकाई अखिल भारतीय युवा मोर्चा (भाजयुमो) द्वारा आयोजित ‘महा ई सेवा केंद्र व विद्यार्थी मदद केंद्र’ के एक कार्यक्रम में भाजयुमो के अन्य नेताओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

कपिल सिब्बल ने जज लोया मामले में जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सही कहा था कि ये जो जनहित याचिकाएं दायर होती हैं, इनके पीछे कोई राजनीतिक मकसद भी होता है। आज हमें पता चल गया है कि वो राजनीतिक मकसद क्या था? इस बात का हमें दुख है कि कानून के द्वारा जो कार्रवाई होनी चाहिए थी, वो नहीं हुई और एक साजिश के तहत दायर की गई जनहित याचिका के जरिये सुप्रीम कोर्ट ने भी जांच की अनुमति नहीं दी।”

सिब्बल ने इस बारे में कहा कि हम पिछले कई वर्षों से कह रहे हैं कि हर चीज के पीछे एक सोच है, एक मकसद है और आज जाहिर हो गया है कि जज लोया मामले में जो याचिका दायर की गई थी, उसके पीछे आरएसएस और बीजेपी की यही सोच थी कि किसी तरीके से ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच जाए। सिब्बल ने कहा कि इसके पीछे दो ही संभावना है। पहला, या तो किसी के खिलाफ कार्यवाही हो और या फिर इस मामले में कोई जांच ही न हो। अब इस देश की जनता ही ये फैसला करे कि किस मकसद से ये याचिका दायर हुई थी।

इन सबूतों से साफ होता है कि सूरज लोलगे उर्फ सूर्यकांत लोलगे का संबंध आरएसएस और बीजेपी से है। उसने जज लोया की मौत के मामले में हाई कोर्ट में याचिका भी आरएसएस नेताओं के कहने पर ही दाखिल की थी और वह लगातार आरएसएस के सरकार्यवाह भैय्या जी जोशी के संपर्क में भी था। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आरएसएस-बीजेपी ने इस मामले में जनहित याचिका क्यों दायर करवाई।

Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST

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Published: 26 Apr 2018, 11:15 PM IST