जाने-माने पत्रकार और साहित्कार अरुण साधु का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे और लंबे समय से वह कार्डियोमायोपैथी से जूझ रहे थे। साधु ने हिंदी, मराठी और अंग्रेजी भाषाओं में लेखन किया। ‘सिंहासन’ और ‘दिनांक’ उपन्यासों के लिए साधु को काफी ख्याति मिली। उनके परिवार में पत्नी अरुणा और दो बेटियां शेफाली और सुवर्णा हैं। उनकी पत्नी एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा अरुण साधु को भारतीय भाषा परिषद, एनसी केलकर और आचार्य अत्रे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। पेशे से पत्रकार अरुण साधु ने कहानी-उपन्यास के साथ-साथ शिवसेना के उदय, वियतनाम युद्ध, चीन की क्रांति पर भी किताबें लिखी थीं। उन्होंने अपने चार दशक लंबे पत्रकारिता के करियर में टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस, द स्टेट्समैन के साथ काम किया। वह कई अन्य मराठी प्रकाशनों के अलावा फ्री प्रेस जर्नल के संपादक भी रहे।
उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा और उनके पार्थिव शरीर को दान किया जाएगा।
Published: 25 Sep 2017, 3:02 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 25 Sep 2017, 3:02 PM IST