गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में महाराष्ट्र में खुद पर की एफआईआर में लगे आरोपों भी पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “दलितों पर हिंसा को लेकर पीएम मोदी चुप क्यों है? खुद को अंबेडकर भक्त बताने वाले पीएम मोदी को हिंसा पर बयान देना चाहिए।”
जिग्नेश मेवाणी ने हिंसा को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर कहा, “संघ परिवार और बीजेपी के लोग गुजरात विधान सभा चुनाव में कम सीटें मिलने से बौखलाए हुए हैं और 2019 के चुनाव को लेकर डरे हुए हैं। इसलिए वे महाराष्ट्र हिंसा में मेरा नाम डालकर मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं।”
Published: 05 Jan 2018, 2:46 PM IST
उन्होंने आगे कहा, “मेरे भाषण का एक भी शब्द न तो आपत्तिजनक था और न ही उत्तेजक था। मुझे जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।”
Published: 05 Jan 2018, 2:46 PM IST
उन्होंने कहा, “यदि दलित शोषण के खिलाफ लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें सड़कों पर उतरना होगा। लेकिन अगर दलित समाज के एक विधायक को निशाना बनाया जाता है, तो आम आदमी बोलने की हिम्मत कैसे कर सकता है?”
महाराष्ट्र हिंसा के बाद पुणे पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने जिग्नेश के खिलाफ सर्च वारंट भी जारी कर दिया।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले से दलित आक्रोशित हो सकते हैं, जिसके कारण अधिक हिंसा भड़क सकती है। उन्होंने दलितों से शांति बनाए रखने की अपील की।
Published: 05 Jan 2018, 2:46 PM IST
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Published: 05 Jan 2018, 2:46 PM IST