सारा विवाद उस वक्त शुरु हुआ जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी मदन कौशिक, बीएसपी नेता मोहम्मद शाहजाद के बेटे की शादी में हिस्सा लेने हरिद्वार के लेहबोली गांव गए। मोहम्मद शाहजाद को उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री और हरिद्वार शहर से विधायक मदन कौशिक का नजदीकी माना जाता है। बीएसपी नेता के बेटे की शादी में बीजेपी नेताओं की मौजूदगी से संजय गुप्ता बेहद नाराज हो गए। उन्होंने एक बयान देकर कहा कि मुख्यमंत्री जानबूझकर मदन कौशिक के इशारे पर उनके विधानसभा क्षेत्र लकसर में की अनदेखी करते हैं।
संजय गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हामी भरने के बाद भी उनके निर्वाचन क्षेत्र में हुए आर्य समाज के कार्यक्रम में नहीं आए, लेकिन मोहम्मद शाहजाद के घर झोटा बिरयानी (बीफ बिरयानी) खाने पहुंच गए। संजय गुप्ता के बयान के बाद हरिद्वार देहात सीट से बीजेपी विधायक स्वामी यतेश्वरानंद ने भी सवाल उठाया कि अभी तक कांवड़ यात्रा की तैयारियां नहीं की गई हैं।
दो विधायकों के बयानों के बाद उत्तराखंड बीजेपी में भूचाल आ गया। बीजेपी की राज्य इकाई तुरंत हरकत में आई। उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट ने बतायाकि संजय गुप्ता को कारण बताओ नोटिस देकर इस विवादित बयान पर दस दिन में जवाब मांगा गया है। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता किसी कीमत पर बरदाश्त नहीं की जाएगी। इस बीच कुछ नेताओं ने संजय गुप्ता से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे किसी से मिल नहीं रहे हैं।
दरअसल हरिद्वार में बीजेपी नेताओं में आपसी तौर पर छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। इससे पहले हरिद्वार के एक और बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर सवाल उठाए थे, लेकिन उन्हें अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी देकर चुप करा दिया गया था।
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गौरतलब है कि पार्टी के कद्दावर नेता सतपाल महाराज भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सामने मदन कौशिक की शिकायत कर चुके हैं। इस अंदरुनी लड़ाई को पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के बीच वर्चस्व की जंग माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस अंतर्कलह का खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ेगा।
बीजेपी की इस आपसी खींचतान में बीएसपी नेता मोहम्मद शाहजाद बलि का बकरा बन गए। वे बीएसपी के टिकट पर बहादराबाद से विधायक रह चुके हैं, लेकिन फिर वे पार्टी छोड़ गए थे और इसी 25 जून को उनकी बीएसपी में वापसी हुई थी। लेकिन बीफ बिरयानी का विवाद उठने के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उनपर आरोप है कि वे बीजेपी नेताओं से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। हालांकि मोहम्मद शाहजाद अपनी सफाई में कहते हैं कि यह एक खुशी का मौका था और सभी दलों के नेताओं ने उनके बेटे की शादी में शिरकत की थी।
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