बिहार में बीजेपी की सहयोगी और सत्ताधारी जेडीयू NRC के मुद्दे पर अपने रुख पर कायम है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए कहा, 'देशभर में NRC लागू किए जाने का विचार नागरिकता की नोटबंदी करने जैसा है। जब तक आप इसे साबित नहीं करते तब तक आप अमान्य हैं। हम अपने अनुभव से जानते हैं इससे सबसे ज्यादा गरीब और हाशिए पर खड़े लोग प्रभावित होंगे।'
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गौरतलब कि देश में CAB और NRC के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने शनिवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। लंबी मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा था कि देशभर में NRC लागू किए जाने के मुद्दे को लेकर सीएम नितीश अभी भी इसके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को लगता है कि NRC और CAB एक साथ खतरनाक हैं।
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प्रशांत किशोर ने हाल ही में अपने ट्विटर हैंडल से पार्टी का नाम हटा लिया था। कुछ दिन पहले उन्होंने दिल्ली के सीएम केजरीवाल से मुलकात की थी, जिसके बाद से उनके JDU से जाने के कयास लगाए जा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने प्रशांत का स्तीफा नामंजूर कर दिया था।
बता दें कि इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने CAB का समर्थन किया था। लेकिन शनिवार को प्रशांत कुमार और नीतीश की मुलाकात के बाद BJP सहयोगी JDU ने साफ कर दिया था कि पार्टी NRC के समर्थन में नहीं हैं। NRC का बहिष्कार करने वाली JDU BJP की पहली सहयोगी पार्टी है।
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