जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश की फाइनल रिपोर्ट जारी कर दी है। गुरुवार को नई दिल्ली में एक बैठक के बाद जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने रिपोर्ट को जारी किया। आयोग के पास राज्य में विधानसभा और लोकसभा सीटों की परिसीमा तय करने की जिम्मेदारी थी जो कि आज पूरी हो गई है। माना जा रहा है कि परिसीमन पूरी होने के बाद यहां जल्द ही चुनाव कराए जा सकते हैं। क्योंकि घाटी में विधानसभा चुनाव के लिए इसी रिपोर्ट का इंतजार हो रहा था।
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बता दें कि पहले जम्मू-कश्मीर में 83 विधानसभा सीटें थीं, लेकिन जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने से यहां पर सात विधानसभा सीटों में बढ़ोतरी होगी।रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू रीजन में 6 और कश्मीर में एक सीट ढ़ेगी। इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा सीटें होंगी जिसमें ससे 47 कश्मीर संभाग और 43 जम्मू संभाग की होंगी। इसके अलावा 9 सीटें अनुसूचित जनजाति और 07 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी। इसके अलावा लोकसभा की 5 सीटें होंगी। जम्मू कश्मीर की नई विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पीओजेके विस्थापितों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर में जून 2018 से कोई चुनी हुई सरकार नहीं है। हालांकि केंद्र की तरफ से बार-बार यही कहा गया कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही यहां चुनाव का ऐलान कर दिया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फरवरी में कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है। अगले छह से आठ महीने में विधानसभा के चुनाव होंगे। ऐसे में उम्मीद है कि यहां जल्द ही चुनावी बिगुल बज सकता है।
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इससे पहले जम्मू-कश्मीर में 1995 में परिसीमन हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसील थीं। इस समय केंद्र शासित प्रदेश में 20 जिले हैं औऱ तहसीलों की संख्या बढ़कर 270 हो गई है। परिसीमन का मुख्य आधार जनसंख्या रहता है। इसके अलावा भौगोलिक स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। पिछली बार परिसीमन करने में आयोग को सात साल का वक्त लग गया था।
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