केंद्र सरकार ने मंगलवार को लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो नवगठित केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के बीच संपत्तियों के विभाजन की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय सलाहकार समिति की घोषणा की। लद्दाख व जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से 31 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आ जाएंगे।
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि तीन सदस्यीय सलाहकार समिति में पूर्व रक्षा सचिव संजय मित्रा, पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण गोयल और भारतीय नागरिक लेखा सेवा (आईसीएएस) के पूर्व अधिकारी गिरिराज प्रसाद शामिल होंगे।
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
दो केंद्र शासित प्रदेशों के बीच संपत्तियों का बंटवारा 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जाएगा। इसमें व्यापक वित्तीय और प्रशासनिक कार्य शामिल होंगे। संयोग से देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती भी इसी दिन होगी।
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
यहां एक शीर्ष नौकरशाह ने कहा, "प्रमुख प्रशासनिक निर्णय में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लिए राज्य की विभिन्न मौजूदा सेवाओं से नौकरशाहों का आवंटन करना शामिल होगा। राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग को लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के लिए अधिकारियों को आवंटित करते समय विचार करना होगा। उस क्षेत्र से बहुत कम अधिकारी है, जो वर्तमान में राज्य सरकार की सेवा में हैं।"
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
उन्होंने कहा, "इसलिए घाटी और जम्मू क्षेत्र में राज्य और केंद्र सरकार की सेवाओं में शामिल अधिकारियों के लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश की सेवा का स्वैच्छिक रूप से विकल्प चुनने की संभावना नहीं है।"
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
उन्होंने कहा, "इस समस्या को हल करने के लिए राज्य के अधिकारियों को लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लिए तीन साल की प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा। उन्हें राज्य के वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों में लाया जाएगा। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश कैडर धीरे-धीरे विकसित होगा। प्रतिनियुक्ति को बाद के चरण में बंद किया जा सकता है।"
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
अधिकारी ने कहा कि संपत्तियों के विभाजन में हथियारों, पुलिस बल के लिए गोला-बारूद, वाहनों का विभाजन और बुनियादी ढांचा और दूसरे संसाधन का आनुपातिक विभाजन शामिल है।
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
उन्होंने कहा, "इसी तरह से अन्य सभी राज्य विभागों की संपत्ति का विभाजन जैसे कि राजस्व, वित्त, बिजली विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, ग्रामीण विकास, सार्वजनिक काम और पर्यटन का विभाजन आबादी के अनुपात में होगा।"
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
नौकरशाह ने कहा, "कानूनी रूप से केंद्र शासित प्रदेशों के अस्तित्व में आने से पहले ही यह कवायद हो चुकी होनी चाहिए। कार्य शुरू हो चुका है और सलाहकार समिति की आखिरी बैठक के बाद संपत्तियों का विभाजन औपचारिक रूप से हो जाएगा।"
Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST
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Published: 11 Sep 2019, 10:32 AM IST