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कठुआ: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा, बच्ची के साथ हुआ था रेप, मीडिया रिपोर्ट्स को बताया गलत

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कठुआ गैंगरेप केस में प्रेस रिलीज जारी कर मीडिया में कही जा रही उन खबरों को गलत बताया है, जिसमें रेप की पुष्टि न होने की बात कही जा रही है। पुलिस ने कहा कि बच्ची से रेप हुआ था। 

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया कठुआ में बलात्कार के बाद मार दी गई 8 साल की बच्ची का स्कूल बैग और कपड़े

कठुआ गैंगरेप केस में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ‘दैनिक जागरण’ की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया, “पिछले कुछ दिनों में प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें शेयर की जा रही हैं कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ, जो गलत है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने जांच में यह पाया है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था। चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के बाद इस केस में धारा 376 (डी) को जोड़ा गया है।”

Published: 21 Apr 2018, 7:46 PM IST

फोटो: सोशल मीडिया

कठुआ गैंगरेप मामले में दिल्ली की फॉरेंसिक लैब (एफएसएल) ने सबूतों की जांच की है और उनको सच बताया है। एफएसएल की रिपोर्ट में इस बात की पुष्ट‍ि हुई है कि मंदिर में मिले खून के धब्बे पीड़िता के ही हैं। एफएसएल रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि 8 साल की बच्ची से मंदिर के अंदर ही रेप हुआ था।

इससे पहले ‘दैनिक जागरण’ ने अपनी खबर में डॉक्टरों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था। ‘दैनिक जागरण’ ने अपनी खबर में लिखा, “कठुआ में 8 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की चार्जशीट में जो साक्ष्य और तथ्य पेश किए गए हैं उनमें कई कड़ियां ऐसी हैं, जो आपस में मेल नहीं खातीं। कठुआ जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने एसआइटी को जो बच्ची की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भेजी है, वह एक नहीं बल्कि दो हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि दोनों रिपोर्ट में कहीं पर भी बच्ची के साथ दुष्कर्म का कोई जिक्र तक नहीं है।” ‘दैनिक जागरण’ की इसी रिपोर्ट को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खारिज किया है।

Published: 21 Apr 2018, 7:46 PM IST

कठुआ गैंगरेप मामले को लेकर गलत रिपोर्ट छापने के बाद पटना में आयोजित ‘दैनिक जागरण’ के साहित्य उत्सव ‘बिहार संवादी’ का कई साहित्यकारों ने बहिष्कार कर दिया है। जिन साहित्यकारों ने ‘बिहार संवादी’ का बहिष्कार किया है, उनमें अरुण कमल,आलोक धन्वा और निवेदिता झा के नाम शामिल हैं।

Published: 21 Apr 2018, 7:46 PM IST

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Published: 21 Apr 2018, 7:46 PM IST

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