कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाए जाने को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर इस केंद्र शासित प्रदेश के साथ ‘‘विश्वासघात’’ जारी रखने का आरोप लगाया और कहा कि निकट भविष्य में पूर्ण राज्य का दर्ज़ा बहाल होने की संभावना नहीं दिखती।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में प्रतिदिन जारी ‘‘संविधान हत्या दिवस’’ का यह एक और उदाहरण है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों में इस बात को लेकर आम सहमति रही है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य बनना चाहिए।
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केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को पुलिस और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) एवं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) जैसी अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों से संबंधित निर्णय लेने तथा विभिन्न मामलों में अभियोजन की मंजूरी देने के लिए और शक्तियां सौंपी हैं।
उपराज्यपाल भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो से संबंधित मामलों के अलावा महाधिवक्ता और अन्य कानून अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में भी निर्णय ले सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किये जाने के बाद लागू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जारी नियमों में संशोधन कर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को उपराज्यपाल को ये शक्तियां दीं।
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खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर के साथ मोदी सरकार का विश्वासघात लगातार जारी है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत नियमों में संशोधन करके एलजी को अधिक शक्तियां देने वाली नई धाराओं को शामिल करने के केवल दो अर्थ हैं। पहला यह कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में देरी करना चाहती है, भले ही उच्चतम न्यायालय ने 30 सितंबर, 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया है। दूसरा, यह कि भले ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल हो जाए, यह नवनिर्वाचित राज्य सरकार की कार्यकारी शक्ति को दबाकर उसे उपराज्यपाल की दया पर निर्भर रखना चाहता है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में प्रतिदिन जारी "संविधान हत्या दिवस" का यह एक और उदाहरण है।
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रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 30 सितंबर, 2024 तक कराने का आदेश दिया था। स्व-घोषित ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री ने कहा था कि पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, जिसे अगस्त 2019 में केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया था। उनकी यह बात रिकॉर्ड में है।"
उन्होंने कहा, "शुक्रवार रात गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया, जिसमें उपराज्यपाल को विस्तारित शक्तियां देने वाली नई धाराएं शामिल की गईं।"
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रमेश ने दावा किया कि इस अधिसूचना का एकमात्र अर्थ यह निकाला जा सकता है कि निकट भविष्य में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिलने की संभावना नहीं दिखती।
उन्होंने कहा, "सभी राजनीतिक दलों में इस बात को लेकर आम सहमति रही है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से भारतीय संघ का पूर्ण राज्य बनना चाहिए, इसे केंद्र शासित प्रदेश नहीं बना रहना चाहिए।"
पीटीआई के इनपुट के साथ
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