इशरत जहां एनकाउंटर मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारीयों डीजी वंजारा और एनके अमीन को आरोपमुक्त कर दिया है। 30 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि सीबीआई ने गुजरात सरकार से दोनों अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा चालने के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे गुजरात सरकार ने खारिज कर दिया था। इसके बाद वंजारा और अमीन ने कोर्ट से इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर मामले में उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई को खत्म करने की अपील की थी। वंजारा के वकील ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ये साबित हो गया है कि ये एनकाउंटर फर्जी नहीं था।
इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायधीश जे. के. पांड्या ने कहा कि सरकार की और से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी गई है, इसलिए उनकी अर्जी को मंजूर करते हुए उन्हें आरोपमुक्त किया जाता है और उनके खिलाफ चल रहे मामले को भी खत्म किया जाता है।
Published: undefined
गौरतलब है कि मुंबई के मुंब्रा में रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर को अहमदबाद पुलिस ने 15 जून, 2004 को कथित फर्जी मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। पुलिस के मुताबिक वे सभी लोग आतंकवादी थे और उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे।
इस मामले में साल 2013 में सीबीआई ने पहली बार चार्जशीट दायर की थी जिसमें आईपीएस ऑफिसर पीपी पांडेय, डीजी वंजारा और जीएल सिंघल समेत गुजरात के सात पुलिस अधिकारियों को आरोपी ठहराया गया था। पीपी पांडेय, डीजी वंजारा और जीएल सिंघल पर इशरत जहां एनकाउंटर मामले में अपहरण, हत्या और साजिश करने जैसे संगीन आरोप लगाये गए थे।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined