देश

मध्य प्रदेशः रंग लाई कमलनाथ सरकार की पहल, अफसरों की कोचिंग में पढ़ने बड़े शहरों से घर लौट रहे छात्र

अपने शहर और राज्य से बाहर पढ़ने गए छात्रों को जब अफसरों द्वारा कोचिंग दिए जाने की जानकारी मिली, तो उन्हें लगा कि इस से अच्छा क्या होगा कि उनके घर में ही प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग उसके सफल प्रतिभागी ही दे रहे हैं और उन्होंने वापस लौटने का मन बना लिया।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मध्य प्रदेश में सरकारी महकमा, समाज का सहयोगी बनकर विशेष भूमिका निभाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है। राजधानी भोपाल में जहां अफसर सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो वहीं टीकमगढ़ में अफसरों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए छात्रों के लिए कोचिंग शुरू की है। इस प्रयास की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बड़े शहरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने गए परीक्षार्थी टीकमगढ़ लौट रहे हैं।

Published: undefined

टीकमगढ़, बुंदेलखंड का अभावग्रस्त जिला है, जहां सुविधाओं के नाम पर रेल लाइन को छोड़कर वर्तमान में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके कारण इस जिले को विशिष्ट पहचान मिले। यहां शिक्षा क्षेत्र में भी विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। यही वजह है कि यहां के अधिकांश छात्र हायर सेकेंडरी, स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे शहरों का रुख करते हैं।

यहां के जिलाधिकारी सौरभ कुमार सुमन ने मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग और संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कराने की पहल शुरू की है। उन्होंने स्टूडेंट वेलफेयर एकेडमी एंड सोसायटी (आरोहण) का गठन किया है। सोसायटी के माध्यम से स्थानीय कृषि कॉलेज भवन में जिलाधिकारी खुद रोज सुबह छात्रों को पढ़ाते हैं। उनके साथ ई-गवर्नेस के सहायक प्रबंधक अनुपम दीक्षित और पीएससी की टॉपर अनुविभागीय अधिकारी वंदना राजपूत भी कोचिंग देती हैं।

Published: undefined

जिला प्रशासन ने अपनी पहल की जानकारी छात्रों और उनके परिजनों तक पहुंचाने के लिए सोशल साइट फेसबुक का सहारा लिया। बाहर पढ़ने गए छात्रों को अफसरों की कोचिंग की जानकारी मिली, तो उन्हें लगा कि जब उनके घर में ही प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग इसके सफल प्रतिभागी ही दे रहे हैं तो उन्होंने टीकमगढ़ लौटने का मन बना लिया।

अभियांत्रिकी में स्नातक करने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली गए शुभम पाठक को जब इसकी जानकारी मिली तो वे वापस लौट आए। उन्होंने बताया कि उन्हें जब टीकमगढ़ में कोचिंग की जानकारी मिली, तो तुरंत घर लौट आए। शुभम का कहना है कि यहां कलेक्टर, एसडीएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का कोचिंग देने का तरीका बहुत अच्छा है।

Published: undefined

इसी तरह इंदौर में साल 2016 से पीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही बी़टेक स्नातक निकिता जैन जिले में ही उत्कृष्ट कोचिंग की जानकारी मिलते ही घर लौट आई हैं और यहां कोचिंग ले रही हैं। निकिता का मानना है कि कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम के अनुभव का इस कोचिंग के माध्यम से उन्हें अवश्य लाभ मिलेगा।

वहीं, एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर और टीकमगढ़ निवासी प्रणीत खरे पीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए थे, लेकिन वहां फीस ज्यादा होने की वजह से वह एक साल में ही वापस लौट आए। अब वे भी टीकमगढ़ जिला प्रशासन की कोचिंग की जानकारी मिलने पर छुट्टी लेकर वहां पहुंचे हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया