पाकिस्तान के सिंध प्रांत में होली से एक दिन पहले अल्पसंख्यक समुदाय की दो हिन्दू लड़कियों के अगुवा किये जाने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों लड़कियों को अगुवा कर जबरन धर्म परिवर्तन करा कर उनकी शादी भी करवाई गयी। घटना सिंध प्रांत के घोटकी जिले के धार्की कसबे की है।
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से इस बारे में जवाब मांगा है। सुषमा स्वराज ने इस घटना के बारे में ट्वीट करते हुए बताया है कि उन्होंने पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्च्चायुक्त से इस पूरे मामले की रिपोर्ट भेजने को कहा है।
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अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घटना के बाद धार्की कसबे के हिन्दू लोगों ने खूब नारेबाजी की एवं कथित अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती का पाकिस्तान में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की दुर्दशा का मामला उठता रहा है।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए कराची के पाकिस्तान हिंदू सेवा वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजेश धंजा ने बताया था कि रवीना और रीना दोनों सगी बहने हैं, जिनका कथित तौर पर अपहरण किया गया और जबरन शादी कराने के बाद उन्हें इस्लाम कबूल करवा दिया गया। इसके अलावा पाकिस्तान ट्रस्ट के मुखिया ने आरोप लगाया था कि अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन के बावजूद पाकिस्तान पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और खानापूर्ति के लिए सिर्फ एक एफआईआर दर्ज की।
इससे पहले भी पाकिस्तान में सदफ खान नाम की एक ईसाई लड़की को अगुवा करके जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराया गया था। कुछ समय पहले पाक पीएम इमरान खान ने ट्वीट के जरिये पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार मिलने की बात कही थी। इमरान ने कहा था, “ जैसा कि भारत में हो रहा है उससे उलट नया पाकिस्तान क्वैद का (जिन्ना) पाकिस्तान है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे अल्पसंख्यकों को समान नागरिक माना जाए।”
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