उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की सभी दुकानों पर मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया। वहीं कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने इस फैसले को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
स्थानीय पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और असदुद्दीन ओवैसी ने ही ‘एक्स’ पर साझा किया।
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सिंह ने खाने-पीने की दुकानों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश के बारे में पूछे जाने पर बताया, ''जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिले में लगभग 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है। मार्ग पर सभी होटल, ढाबे, ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है।''
उन्होंने बताया, ''यह इसलिये जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार का कोई भ्रम किसी कांवड़िये के अंदर ना रहे।''
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर निशाना साधते हुए इसे ‘सरकार प्रायोजित कट्टरता’ करार दिया। वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले की तुलना दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और जर्मनी में यहूदिया के बहिष्कार से की।
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खेड़ा ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सिर्फ राजनीतिक दलों को ही नहीं सभी सही सोच वाले लोगों और मीडिया को इस राज्य प्रायोजित कट्टरता के खिलाफ उठ खड़े होना चाहिए। हम भाजपा को देश को अंधकार युग में वापस धकेलने की अनुमति नहीं दे सकते।”
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एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ''उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार, अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले।''
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पीटीआई के इनपुट के साथ
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