गुजरात में बीजेपी सरकार का अनोखे ढंग से विरोध के बाद अब मध्य प्रदेश में भी बिजेपी सरकार का अनूठे अंदाज में विरोध शुरू हो गया है। प्रदेश के सागर जिले के देवरी तहसील में एक परिवार ने अपनी बेटी की शादी के कार्ड पर ‘हमारी भूल-कमल का फूल’ छपवाकर अनोखे ढंग से शिवराज सरकार का विरोध किया है। इससे पहले गुजरात के व्यापारियों ने इसी तरह शादी के कार्ड पर ‘हमारी भूल-कमल का फूल’ छपवाकर प्रदेश की बीजेपी सरकार का विरोध किया था।
Published: 15 Jan 2018, 2:06 PM IST
6 फरवरी को सागर जिले में देवरी तहसील के रहने वाले राजेंद्र की लड़की रागिनी की शादी है। लेकिन आर्थिक हालत इतनी खराब है कि बेटी की शादी के लिए राजेंद्र को अपनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ी है। उनका बेटा अनुराग जैन साल 2010 में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नियुक्त हुआ था, उसके साथ 450 से ज्यादा कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया था।
अनुराग की मां कहती हैं, “मेरा लड़का 7 साल पहले नौकरी करता था, लेकिन सरकार ने सेवा खत्म कर दी। घर में कोई आय का साधन नहीं है और खेत गिरवी रख दी है। हमने जिंदगी में एक ही गलती की कि बीजेपी को वोट दिया।” अनुराग की मां ने कहा, “हमने शादी के कार्ड पर ‘हमारी भूल-कमल का फूल’ छपवाया है।” उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की स्कूल ड्रेस में और घर के बाहर भी ‘हमारी भूल-कमल का फूल’ लिखवाकर बैनर लगवाएंगे। उन्होंने शिवराज सरकार की आलोचना करते हुए कहा सरकार युवाओं को नौकरी देने की बात कह रही है लेकिन असल में उनसे नौकरी छीनी जा रही है।
मध्य प्रदेश में शादी के कार्ड पर ‘हमारी भूल-कमल का फूल’ लिखवाकर शिवराज सरकार का विरोध करना सुर्खियों में है। कांग्रेस ने इसे लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, “यह संकेत अभी चिंगारी के रूप में सामने आया है, 2018 में ज्वालामुखी बनेगा। समाज का हर वर्ग शिवराज सरकार से परेशान है, आने वाले दिनों में सरकार को मुंह बचाना भी मुश्किल होगा।”
वहीं बीजेपी ने शिवराज सरकार का बचाव किया है। बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि शिवराज सरकार में ना कभी ओवरड्राफ्ट हुआ और ना ही कर्मचारियों की सैलरी रुकी। राहुल कोठारी ने संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मियों के मामले में देखा गया है कि वे काम नहीं करते और यही वजह है कि सरकार को उन्हें हटाने के कड़े फैसले लेने पड़ते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों में मध्यप्रदेश में 53 प्रतिशत बेरोजगारी बढ़ी है। जबकि राज्य में लगभग डेढ़ करोड़ युवा हैं।
Published: 15 Jan 2018, 2:06 PM IST
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Published: 15 Jan 2018, 2:06 PM IST