दुनिया भर में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है अब तक इस महामारी की वजह से एक लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में दुनिया भर के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और डॉक्टर इसका सफल इलाज ढूंढने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और इंस्टीट्यूशन ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने इस जानलेवा वायरस से पीड़ित रोगियों को ज्यादा कारगर इलाज देने के लिए एक नया तरीक खोजा है।
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इलाज की इस नई तकनीक को 'प्लाज्मा थेरेपी' कहा जाता है। उपचार के इस नए तरीके में रोगी से ठीक हुए एक शख्स के इम्यून (रोग प्रतिरोधक) सिस्टम की क्षमता के जरिए बीमार शख्स का इलाज किया जाता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भारत में इस तरीके से उपचार के लिए SCTIMST को मंजूरी दे दी है। SCTIMST की निदेशक डॉ आशा किशोर ने कहा, '' हमने भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) को ब्लड डोनेशन के मानदंडों में छूट की अनुमति के लिए आवेदन दिया है।
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इस उपचार प्रणाली में नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर उसके प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारी से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार किया जाता है। एंटीबॉडी के जरिए शरीर में वायरस की पहचान होती है। इसके बाद मानव शरीर में पाए जाने वाले श्वेत रक्त कोशिकाएं ऐसे वायरस को शरीर के भीतर ही मार देती है जिससे शरीर को संक्रमण से छुटकारा मिल जाता है।
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एंटीबॉडी संक्रमण के लिए फ्रंट-लाइन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में सबसे अहम भूमिका निभाता है। ये विशेष प्रकार के प्रोटीन होते हैं जिन्हें बी लिम्फोसाइट्स नामक प्रतिरक्षा कोशिकाएं शरीर में निकालती हैं। जब ये एक शरीर पर हमला करने वाले वायरस का सामना करते हैं तो प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडी को डिजाइन करती है जो प्रत्येक हमलावर वायरस को नष्ट करने लगते हैं जिससे संक्रमण मुक्त हो जाता है।
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दुनियाभर में कोरोना अपना कहर तो बरपा ही रहा है लेकिन इस असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। भारत में इस महामारी से अबतक 7 हजार से ज्यादा लोग आ गए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1035 मामले सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 7447 हो गई है। इसमें 6565 सक्रिय मामले हैं। 643 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। अब तक 239 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के 10 अप्रैल की शाम के अपडेट के मुताबिक, तक तक 6,761 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी और 206 लोगों की मौत हुई थी।
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