2019 के आम चुनावों से पहले सभी तबकों को साधने की अपनी रणनीति के तहत आरएसएस ने एक बड़ा कदम उठाया है। देश के इतिहस में पहली बार आरएसएस कुरआन पाठ कराने जा रहा है। अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को तोड़ने के लिए आरएसएस और उसकी शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अयोध्या में सरयू नदी के तट पर विशाल नमाज और कुरआन पाठ के कार्यक्रम का आयोजन किया है। ये आयोजन 12 जुलाई को होने जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में करीब 1500 मुस्लिमों के साथ ही कई हिंदू धर्मावलंबी भी शामिल होंगे।
अयोध्या के इतिहास में ये पहला मौका होगा जब इतने बड़े स्तर पर मुस्लिम समुदाय से संबंधित कोई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस आयोजन के दौरान मुस्लिम धर्मावलंबी वहां करीब 200 सूफी-संतों की मजार की जियारत भी करेंगे। कार्यक्रम के अनुसार, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आने वाले सभी मुस्लिम पहले एक साथ नमाज अदा करेंगे। फिर इसके बाद सरयू नदी तट पर स्थित राम की पैड़ी घाट पर कुरआन ख्वानी का आयोजन होगा और कुरआन की आयतों का 5 लाख बार पाठ किया जाएगा। कहा जा रहा है कि यह कार्यक्रम देश में सद्भावना और भाईचारे का संदेश देने के लिए आयोजित किया जा रहा है। लेकिन कई लोगों का मानना है कि इस आयोजन से आरएसएस अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को बदलना चाहता है।
Published: 11 Jul 2018, 4:04 PM IST
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम में 1500 से ज्यादा मुस्लिम धर्मावलंबी देश में हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। आरएसएस के इस आयोजन को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से भी सहयोग मिल रहा है। खबरों के अनुसार योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण और आरएसएस नेता मुरारी दास इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।
Published: 11 Jul 2018, 4:04 PM IST
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Published: 11 Jul 2018, 4:04 PM IST