चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस की अगुवाई में सात राजनीतिक दलों द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के मद्देनजर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने संविधान और कानून के विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा शुरु कर दिया है। इस प्रस्ताव के चलते उपराष्ट्रपति नायडू हैदराबाद में अपना दौरा बीच में ही छोड़कर दिल्ली वापस आ गए हैं।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व कानून सचिव पीके मल्होत्रा और पूर्व संसदीय सचिव संजय सिंह से बात की। इसके अलावा उन्होंने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल से भी राय-मशविरा किया। सूत्रों का कहना है कि नायडू ने इस सिलसिले में राज्यसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की। बताया जाता है कि वेंकैया नायडू ने महाभियोग प्रस्ताव के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी से भी राय ली है।
उपराष्ट्रपति को सोमवार को हैदराबाद में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में शामिल होना था। साथ ही मंगलवार को भी उन्हें स्वर्ण भारत ट्रस्ट का दौरा करना था, लेकिन वह रविवार दोपहर ही दिल्ली लौट आए।
Published: 23 Apr 2018, 10:13 AM IST
उधर कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि अगर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू महाभियोग का प्रस्ताव ठुकरा देते हैं तो वह सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि संविधान में न्यायपालिका को सभापति के फैसले की समीक्षा का अधिकार है। रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा, ऐमी याज्ञनिक और राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी ने बीजेपी पर महाभियोग पर राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस पर सभापति नायडू के कार्यालय ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसलिए चीफ जस्टिस को कोर्ट के काम नहीं करने चाहिए। अगर नोटिस रद्द हुआ तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
Published: 23 Apr 2018, 10:13 AM IST
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Published: 23 Apr 2018, 10:13 AM IST