कांग्रेस नेता कार्ति पी.चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा चुनावी बॉण्ड के खुलासे से स्पष्ट हो जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चंदा देने वालों ने ऐसा ‘छिपे हुए’ उद्देश्य से किया था।
उन्होंने कहा कि यह अनिवार्य है कि स्टेट बैंक पारदर्शिता सुनिश्चित करने और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का तत्काल अनुपालन करे।
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लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉण्ड से संबंधित जानकारी साझा करने के लिए उच्चतम न्यायालय से और अधिक समय की मांग करना संबधित जानकारी को सार्वजनिक करने में देरी करने का ‘हथकंडा’ है क्योंकि चुनाव से पहले जानकारी सार्वजनिक होने पर भाजपा के लिए ‘असहज स्थिति उत्पन्न’ होगी।
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कार्ति ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा कि चुनावी बॉण्ड लोकतंत्र के प्रति ‘तिरस्कार’था क्योंकि यह पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ था। शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार बॉण्ड संबंधी जानकारी एकत्र करने और खुलासा करने के लिए एसबीआई द्वारा कुछ और महीनों का समय मांगना ‘ मामले को उलझाने’ वाला है।
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कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ यह कुछ नहीं बल्कि चुनाव से पहले जानकारी सार्वजनिक करने से बचने का हथकंडा है क्योंकि चुनाव से पहले खुलासा होने से बीजेपी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न होगी। इससे स्पष्ट होगा कि जिन्होंने बीजेपी को चंदा दिया उन्होंने ऐसा गुप्त उद्देश्य से किया, यह उद्देश्य या तो एजेंसियों की जाल से बचने के लिए था या सरकार से अनुकूल नीति बनवाने के लिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पारदर्शी लोकतंत्र और निष्पक्ष आगामी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए यह अनिवार्य है कि एसबीआई, उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपाल करे और खुलासा करे कि किन लोगों ने चुनावी बॉण्ड खरीदा और उन सभी बॉण्ड के लाभार्थी कौन थे।’’
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