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सुरक्षा में बड़ी चूक का नतीजा है पुलवामा हमला, खुफिया एजेंसियों ने 7 दिन पहले ही दी थी चेतावनी

खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के डिप्लॉयमेन्ट और उनके आने जाने के रास्ते पर आईई़़डी से हमला कर सकते हैं। 

फोटो- सोशल मीडिया
फोटो- सोशल मीडिया 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। खुफिया एजेंसियों ने सात दिन पहले ही अलर्ट जारी किया था कि कश्मीर में सुरक्षाबलों को डिप्लॉयमेंट और उनके आने-जाने के रास्ते पर आतंकी आईईडी से हमला कर सकते हैं। 8 फरवरी को जारी इस अलर्ट में साफ कहा गया था कि आतंकियों ने हमले का प्लान बनाया है। खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के डिप्लॉयमेन्ट और उनके आने जाने के रास्ते पर आईई़़डी से हमला कर सकते हैं। अलर्ट में साफ कहा गया था कि सभी सीआरपीएफ के कैम्प और पुलिस के कैम्प पर आतंकी बड़ा हमला कर सकते हैं, इसलिए सभी सुरक्षा बल सावधान रहें। इसके साथ ही एरिया को बिना सेंसिटाइज किए उस एरिया में ड्यूटी पर न जाएं। लेकिन इसके बावजूद ये चूक हुई और आतंकी बड़ा हमला करने में कामयाब हो गए।

जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। जैश ने दावा किया है कि उसके आतंकवादी ने इस आत्मघाती हमले को अंजाम दिया है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी का नाम भी बताया है। जैसे के मुताबिक उसके आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने इस घटना को अंजाम दिया है। आदिल ने ही विस्फोटक से भरी उस गाड़ी को उड़ाया है। जैश ने कहा है कि आदिल पुलवामा के गुंडीबाग इलाके का ही रहने वाला था। धमाके से पहले जवानों की गाड़ी पर फायरिंग भी की गई है। बताया जा रहा कि ये काफिला जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहा था।

सुत्रों की मानें तो आदिल को हाल ही में अफगान मुजाहिद जैश के आतंकी गाज़ी रशीद ने ट्रेनिंग दी थी। आतंकियों ने जिस तरह से ये हमला किया है, इस तरीके का इस्तेमाल आम तौर पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।

बताया जा रहा कि आतंकियों ने सड़क किनारे ही एक गाड़ी में आईईडी प्लांट किया था। जैसे ही सीआरपीएफ की कानवाई वहां से गुजरी, वैसे ही आतंकियों ने आईईडी में धमाका कर दिया।

इससे पहले 18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने उरी में बड़ा हमला किया था, जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे।

इन इलाकों में कैसे बढ़ता है सीआरपीएफ का काफिला

  • संबंधित इलाके में तैनात आरओपी सीआरपीएफ के काफिले को हरी झंडी देता है।
  • आरओपी की होती है सड़क के उस हिस्से को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी।
  • आरओपी में अलग अलग फोर्स के जवान लगे होते हैं।
  • आरओरपी में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान शामिल होते हैं।

Published: 14 Feb 2019, 7:13 PM IST

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