भारत में कोरोना वायरस के बीच चिंता बढ़ाने वाली एक और खबर सामने आई है। दरअसल, कोरोना वायरस महामारी द्वारा विश्व को अपनी चपेट में लिये जाने के बीच भारतीय अनुसंधानकर्ताओं को केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चमगादड़ों की दो प्रजातियों में अलग तरह के कोरोना वायरस बैट कोरोना वायरस (बैट कोव)'' की मौजूदगी मिली है।
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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए शोध में दावा किया है कि एक अलग किस्म के कोरोना वायरस (चमगादड़ में पाया जाने वाला बैट कोरोना वायरस) का पता चला है। ये वायरस (BtCov) भारत में पाए जाने वाले चमगादड़ों की दो प्रजातियों में मिला है। दुनियाभर में ये माना जाता है कि चमगादड़ों में कई प्रकार के वायरस होते हैं, लेकिन अब भारतीय वैज्ञानिकों के शोध में इसकी पुष्टि हुई है।
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देश के चार राज्यों- केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु के 25 चमगादड़ इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। ये चमगादड़ा Rousettus और pteropus प्रजाति के हैं। चमगादड़ों में बैट कोरोना वायरस मिलने के शोध को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है। हालांकि वह दुनिया में फैला नोबल कोरोना वायरस नहीं है। आईसीएमआर का कहना है कि पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) लैब में तीन साल से चमगादड़ों पर शोध चल रहा था। इस बीच वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को लेकर भी चमगादड़ों के नमूनों की जांच शुरू की। गले व मलाशय के सैंपल की जांच में कई चमगादड़ संक्रमित पाए गए हैं।
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NIV की वैज्ञानिक डॉक्टर प्रज्ञा डी यादव ने बताया कि इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि बैट कोरोना वायरस इंसानों में बीमारी पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले निपाह वायरस भी चमगादड़ों में मिला था। आपको बता दें, चमगादड़ों में प्राकृतिक तौर पर कई वायरस मौजूद होते हैं। इनमें से कई इंसानों के लिए खतरनाक साबित होते हैं। हालांकि इनसे चमगादड़ों को कोई नुकसान नहीं होता है। वहीं ये भी माना जाता है कि चीन के वुहान में कोविड-19 चमगादड़ों से ही फैला था।
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शोध में लिखा गया है कि ये साफ नहीं हो पाया है कि क्यों कुछ कोरोना वायरस ही इंसानों को संक्रमित कर सकते हैं। इसके साथ ही इसमें लिखा है कि चमगादड़ों से इंसानों में संक्रमण के खतरे पर निगरानी रखी जानी चाहिए। चमगादड़ों की एक प्रजाति के लिए केरल, चंडीगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, ओडिशा, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना से 508 सैंपल लिए गए। दूसरी प्रजाति के 78 चमगादड़ों के सैंपल केरल, कर्नाटक, चंडीगढ़, गुजरात, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना से लिए गए। इस दौरान 12 की मौत हो गई थी।
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