आईसीआईसीआई बैंक ने एक व्हिसल ब्लोअर की शिकायत पर अपनी प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने का फैसला लिया है। बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को भेज अपने नोटिफिकेशन में इस आशय की जानकारी दी। बैंक ने यह भी कहा है कि जांच को एक ‘स्वतंत्र और विश्वसनीय’ व्यक्ति द्वारा कराया जाएगा।
बैंक ने कहा, “जांच में सभी चीजों को समेटा जाएगा और सारे प्रासंगिक मामलों से जुड़े तथ्यों का परीक्षण किया जाएगा। बैंक के बोर्ड ने अपनी लेखा समिति को इस फैसले को लागू करने के लिए सारी कार्रवाई करने को कहा है। लेखा समिति ही स्वतंत्र जांचकर्ता को आवश्यक पेशेवर और कानूनी सुविधा मुहैया कराएगी।
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आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 2012-13 में वीडियोकॉन को दिए गए 3250 करोड़ रुपए लोन में हितों के टकराव की बात कही थी। वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत ने उस कंपनी को लोन दिया था जिसके वे और आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति साझीदार थे। वीडियोकॉन ने धूत, दीपक कोचर और उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों की संयुक्त साझेदारी वाली एनर्जी कंपनी को 64 करोड़ रुपए का लोन दिया था। जिस कंपनी को लोन मिला, उसका स्वामित्व दीपक कोचर को 9 लाख रुपए में स्थानांतरित कर दिया गया। आईसीआईसीआई द्वारा वीडियोकॉन को 2012-13 में 3250 करोड़ रुपए लोन देने के 6 महीने बाद ये लेन-देन हुआ। 2017 में भी वीडियोकॉन को 2810 करोड़ रुपए आईसीआईसीआई बैंक को चुकाना बाकी था। लेकिन यह लोन बैंक द्वारा 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया।
इस साल मार्च में इस मसले को लेकर जब विवाद बढ़ा तब बैंक ने बताया था कि इस पूरे मामले में हितों का कोई टकराव नहीं था और बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने नियामकों को सारी जरूरी जानकारी दे दी थी।
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