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वीडियोकॉन लोन केस: ईडी दफ्तर पहुंचीं चंदा कोचर, 1875 करोड़ रुपये के लोन मामले में पूछताछ

यह मामला 2009 और 2011 के दौरान आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी देने में वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्ट कार्यवाही से संबंधित है। ईडी को अवैध लेन-देन से संबंधित सबूत मिले थे जिसमें न्यूपावर को करोड़ों रुपये दिए गए थे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर वीडियोकॉन लोन मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। कोचर यहां ईडी कार्यालय पर सुबह 10.35 बजे पहुंचीं। कोचर के पांच मई को ईडी के समक्ष पेश नहीं होने पर प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा था।

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यह मामला 2009 और 2011 के दौरान आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी देने में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्ट कार्यवाही से संबंधित है। ईडी को अवैध लेन-देन से संबंधित सबूत मिले थे जिसमें न्यूपावर को करोड़ों रुपये दिए गए थे।

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ईडी ने मार्च में अपनी जांच के तहत कोचर के आवास और कार्यालय परिसरों की सिलसिलेवार तलाशी ली थी और चंदा और उनके पति दीपक कोचर के साथ-साथ वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत से पूछताछ भी की थी।

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धूत ने कथित रूप से दीपक की कंपनी न्यूपावर रीन्यूवेबल्स लिमिटेड में अपनी कंपनी सुप्रीम इनर्जी के माध्यम से निवेश किया था जिसके बदले में चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक से ऋण को मंजूरी दिला दें।

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वीडियोकॉन समूह पर कुल 40,000 करोड़ रुपये के ऋण में से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण आईसीआईसीआई बैंक ने दिया था और आईसीआईसीआई के ऋण का बड़ा हिस्सा 2017 के अंत तक बकाया था। बैंक ने बकाया ऋण के 2,810 करोड़ रुपये को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया था।

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