आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा अयोध्या के सरयू तट पर नमाज और सामूहिक कुरान पाठ का कार्यक्रम रखा था। लेकिन गुरुवार को साधुओं के भारी विरोध की वजह से वहां यह कार्यक्रम नहीं हो पाया। साधुओं के विरोध के चलते आयोजक मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को कार्यक्रम का स्थान बदलना पड़ा। बड़े स्तर पर प्रचारित किये गए इस कार्यक्रम का स्थान अंतिम समय में बदल दिया गया और सरयू तट के पास ही एक मजार के पास आयोजित किया गया।
गुरुवार को कार्यक्रम से पहले अयोध्या के हनुमानगढ़ी के साधु राजूदास और उग्र हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी के नेतृत्व में कई लोगों ने भारी विरोध किया, जिसके बाद कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेताओं का कहना है कि वे मंदिर निर्माण के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दुआएं करना चाहते थे, लेकिन कोई टकराव ना हो इसलिए सरयू नदी के तट पर प्रस्तावित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। हालांकि, कार्यक्रम रद्द होने के बावजूद कुछ महिलाओं ने सरयू तट पर पहुंचकर वजू किया और फिर वहां से मजार पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने गईं।
वहीं सरयू तट पर इस कार्यक्रम का विरोध करने वाले साधु राजू दास ने इसे राजनीति करार देते हुए कहा कि सरयू में वजू करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह सब नाटक है और सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश है। कई स्थानीय लोगों का भी यही कहना है कि यह कार्यक्रम राजनीति पैंतरेबाजी है और चुनाव से पहले आरएसएस अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को बदलना चाहता है।
हालांकि, आरएसएस ने मीडिया में दो दिनों तक खबरें चलने के बाद गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि अयोध्या में आरएसएस की ओर से इस तरह के किसी कार्यक्रम के आयोजन की खबर पूरी तरह से गलत और निराधार है। आरएसएस के ट्वीटर पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा अयोध्या में सामूहिक नमाज का आयोजन किया जा रहा है, ऐसा समाचार कुछ प्रचार माध्यमों में आया है। यह पूर्णतया निराधार एवं असत्य है।”
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बता दें कि आरएसएस के संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन राम +मंदिर विवाद के समाधान के लिए दुआएं करने के लिए किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में मुसलमानों के अलावा कई उलेमाओं को भी बुलाया गया था। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आने वाले सभी मुस्लिम पहले एक साथ नमाज अदा करते, फिर इसके बाद सरयू नदी तट पर स्थित राम की पैड़ी घाट पर कुरआन ख्वानी का आयोजन किया जाना था, जिसमें कुरआन की आयतों का 5 लाख बार पाठ किये जाने का दावा किया गया था। इस कार्यक्रम में करीब 1500 मुस्लिमों के साथ ही कई हिंदू धर्मावलंबियों को भी शामिल होना था। इस दौरान मुस्लिम धर्मावलंबी वहां करीब 200 सूफी-संतों की मजार की जियारत भी करेंगे।
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