झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की विधायक कल्पना सोरेन ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने जानबूझकर उनके पति हेमंत सोरेन को जेल में डालने की साजिश रची, ताकि कल्याणकारी योजनाओं को कमजोर किया जा सके और उनके क्रियान्वयन में रोड़े अटकाए जा सकें।
कल्पना सोरेन ने दावा किया कि बीजेपी ‘‘हमारी योजनाओं को रोकने के लिए जनहित याचिकाएं दायर करने के पीछे की मुख्य षड्यंत्रकर्ता है।’’
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कल्पना ने यहां अगले महीने की शुरुआत में घोषित होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘मंईयां सम्मान यात्रा’ को हरी झंडी दिखाते हुए सोमवार को कहा, ‘‘विभिन्न कल्याणकारी पहल में देरी करने के लिए बीजेपी द्वारा पूर्व नियोजित साजिश के तहत हेमंत जी को जेल में डाला गया। अगर वह पांच महीने तक सलाखों के पीछे नहीं होते, तो सरकार आपके खातों में ‘मंईयां सम्मान योजना’ की सातवीं किस्त जमा कर देती और आप सभी को 7,000 से 8,000 रुपये मिल चुके होते।’’
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तीन अगस्त को शुरू की गई इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से हर महीने 1,000 रुपये मिलेंगे, जो कुल मिलाकर सालाना 12,000 रुपये होंगे।
कल्पना ने जोर देकर कहा कि हेमंत सोरेन के पांच महीने जेल में रहने के कारण योजना को समय पर शुरू करने में देरी हुई।
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उन्होंने कहा, ‘‘आज जब आपको दूसरी किस्त मिल रही है, तो याद रखें कि अगर हेमंत जी जेल में नहीं होते तो यह आपकी सातवीं किस्त होती। बीजेपी की दुर्भावनापूर्ण चालों ने न केवल उनके प्रयासों को बाधित किया है, बल्कि कई कल्याणकारी पहल को भी अवरुद्ध कर दिया है।’’
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कल्पना ने बीजेपी पर राज्य में महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यक्रमों में बाधा डालने के लिए जनहित याचिकाओं का रणनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी हमारी योजनाओं को बाधित करने के लिए जनहित याचिकाएं दायर करने में माहिर हो गई है। हम उन्हें चेतावनी देते हैं कि झारखंड के लोगों के लिए हमारी पहल में बाधा डालने के किसी भी प्रयास का कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा।’’
उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि इन चुनौतियों के बावजूद, महिलाओं, बुजुर्गों और परिवारों को सहायता देने के उद्देश्य से बनाई गई सभी कल्याणकारी योजनाएं, कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ेंगी।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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