झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के खिलाफ कानूनी मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा को पत्र लिखकर कहा है कि एजेंसी उन्हें भेजा गया समन वापस ले, अन्यथा वह कानून का सहारा लेंगे।
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ईडी ने सीएम को समन भेजकर 14 अगस्त को रांची स्थित कार्यालय में हाजिर होने को कहा था। एजेंसी ने सोरेन से उनकी संपत्ति को लेकर बयान रिकॉर्ड करने को कहा था। सीएम इस समन पर हाजिर नहीं हुए। उनके विशेष दूत ने ईडी कार्यालय पहुंचकर सीएम का पत्र सौंपा।
सीएम ने पत्र में लिखा कि उनको बेवजह समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। जिस तारीख को बुलाया गया था, उससे उन्हें किसी तरह का आश्चर्य नहीं हुआ।
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सीएम ने असिस्टेंट डायरेक्टर को कोट करते हुए लिखा है कि आप और आपके पॉलिटिकल मास्टर अच्छी तरह जानते हैं कि मुख्यमंत्री को 15 अगस्त को ध्वजारोहण करना होता है। इसकी तैयारी एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है। यह जानने के बावजूद 14 अगस्त को बुलाया गया। इससे साफ है कि जानबूझकर न सिर्फ उनकी बल्कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और झारखंड के लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि यह एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है। समन में ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं है जिससे मेरे खिलाफ संपत्ति को लेकर जांच की संभावना बनती हो। जहां तक संपत्ति की बात है तो इससे जुड़ी तमाम जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में समय-समय पर दी जाती रही है।
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सीएम ने कहा है कि अगर प्रवर्तन निदेशालय को किसी ऐसे कागजात की जरूरत है, जिसका जिक्र पूर्व में नहीं किया गया है तो वह मुहैया कराने को तैयार हैं। लिहाजा, एजेंसी को समन वापस लेना चाहिए नहीं तो वह कानून का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे।
सोरेन ने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार पिछले एक साल से उनपर अनुचित दबाव डाल रही है। ऐसा नहीं करने पर केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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उन्होंने ईडी के तौर-तरीके पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अवैध पत्थर खनन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उस वक्त उन्होंने अपने और अपने परिवार की चल और अचल संपत्ति का सारा ब्योरा भी दिया था। 30 नवंबर 2022 को अचल संपत्ति के डीड की सर्टिफाइड कॉपी मुहैया कराई गई थी। बैंक का डिटेल भी मुहैया कराया गया था।
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सीएम ने लिखा है कि क्या वह कागजात ईडी ऑफिस में गुम हो गए हैं? अगर आप चाहेंगे तो दोबारा भिजवा दिया जाएगा। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को लिखे पत्र में सीबीआई पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा है कि साल 2020 में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल ने उनके पिता शिबू सोरेन की संपत्ति की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दी थी। जांच के दौरान गैर कानूनी तरीके से सीबीआई ने उनकी अचल संपत्ति को भी खंगाला था। सीएम ने लिखा है कि ईडी चाहे तो सीबीआई से रिपोर्ट ले सकती है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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