भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों तक पहुंचने के अपने प्रयास में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने अपने नेताओं से कहा है कि वे किसानों से मिलकर उन्हें कृषि कानूनों के फायदे के बारे में बताए।
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सोमवार को मुजफ्फरनगर के शोरम गांव का दौरा करने वाले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को किसानों के विरोध प्रदर्शन का जमकर सामना करना पड़ा और इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं संग किसानों की मारपीट भी हुई। हालांकि, बलियान को उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा सुरक्षापूर्वकगांव से बाहर निकाल लिया गया।
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भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के धर्मेद्र मलिक के मुताबिक, 'ज्वाला खाप' के प्रमुख सचिन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान से मिलने से इनकार कर दिया, जो गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे।
एक वीडियो संदेश में चौधरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "सत्तारूढ़ बीजेपी में से कोई भी व्यक्तिगत तौर पर मुझसे मिलने का प्रयास न करें। उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा से मिलना चाहिए और तीन कृषि कानूनों को लेकर हो रहे आंदोलनों के बारे में उनका निर्णय ही अंतिम होगा।"
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शामली के भैंसवाल से समाजवादी पार्टी के नेता सुधीर पंवार ने कहा, "हमें जिसका शक था, वही हो रहा है।" उन्होंने कहा, "पश्चिमी यूपी के किसान जाति के आधार पर आंदोलन को विभाजित करने की बीजेपी की कोशिशों से परेशान हैं। लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्ति का अधिकार है, इसलिए किसी पार्टी विशेष के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना लोकतांत्रिक तरीका तो नहीं है, लेकिन लोग नाराज हैं।"
भैंसवाल 32 ग्रामीण खापों का मुख्यालय है। 5 फरवरी को कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित 'महापंचायत' में जाटों के साथ-साथ दलित और मुसलमानों की भी भागीदारी देखी गई।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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