भारत में ऐसा बहुत कम देखा जाता है जब सुबह-सुबह या तड़के कोई अदालत बैठी हो। कोई बहुत जरूरी मामला हो या माहौल को देखकर ही ऐसे समय पर कोर्ट खुलता है। मुरादबाद में डॉक्टरों औऱ पुलिस की टीम पर हमले का मामला भी कुछ ऐसा ही हो गया। जहां हमले के 17 आरोपी के लिए सुबह तीन बजे अदालत बैठी। सुबह ही सुनवाई के बाद अदालत ने इस सभी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
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सुबह 5.15 बजे इस सभी को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इस काम में पुलिस व प्रशासनिक अमला रात भर जुटा रहा। ऐसा कम ही देखने में आता है कि इतनी सुबह अदालत किसी मामले को सुने। पर यह मामला था ही इतना गंभीर। गौरतलब है कि नवाबपुरा में चिकित्सीय व पुलिस टीम पर पत्थर बरसाने के आरोपी 17 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और तत्काल इन्हें कोर्ट में पेश करने की गुजारिश की। अदालत ने भी मामले की नजाकत को समझा और सुबह तीन बजे रिमांड मजिस्ट्रेट ने अपने घर पर ही इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने सात महिलाओं समेत इन सभी 17 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पुलिस ने सक्रियता दिखाई और सुबह सवा पांच बजे इन सभी आरोपियों को जेल पहुंचा दिया।
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गौरतलब है कि थाना नागफनी के मुहल्ला नवाबपुरा में बुधवार को चिकित्सकीय एवं पुलिस टीम पर उस समय जमकर पथराव हुआ जब यह टीम यहां लोगों को क्वारंटीन करने के लिए लेने गई थी। इसी मुहल्ले के एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो चुकी है और उसी के संपर्क के लोगों को क्वारंटीन किया जाना था। इस पथराव में एक डॉक्टर,फार्मेसिस्ट समेत छह स्वास्थ्य कर्मी घायल हो गए और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। फायरिंग भी हुई। डीएम, एसएसपी को मौके पर जाकर जूझना पड़ा। जानकारी के मुताबिक सभी 17 आरोपियों को जेल में भी क्वारंटीन किया गया है। चूंकि ये सभी उस मुहल्ले से आए हैं जो हॉट स्पॉट है और वहां एक कोरोना पॉजिटिव की मौत हो चुकी है। जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने बताया कि इन सभी को जेल में ही अलग रखा गया है।
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