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हरियाणा: आगाज ही दिखा गया खट्टर सरकार के भविष्य की तस्‍वीर

मंत्रियों के शपथ लेने का समय दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तय था। लेकिन तय समय पर मंच और VVIP दीर्घा दोनों खाली थे। सिर्फ मीडिया गैलरी खचाखच भरी थी। साढ़े बारह से आगे घड़ी की सूईयां जैसे-जैसे बढ़ती गईं, कयासों और आशंकाओं ने कहानियों का रूप लेना शुरू कर दिया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

आखिर 14 अक्‍टूबर को अंकों के शुभ योग के साथ हरियाणा सरकार के मंत्रियों का शपथग्रहण हो गया। पर सरकार का आगाज ही उसके भविष्‍य पर अनगिनत सवाल खड़े कर गया। शपथ ग्रहण के वक्‍त तक संस्‍पेंस, रोमांच और नए तरह की गोलबंदी समेत तमाम ऐसे नजारे देखने को मिले, जो पर्दे के पीछे चल रही कहांनियों को पुख्‍ता कर गए।

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गुरूवार को चंडीगढ़ स्थित गवर्नर हाउस में हरियाणा के राज्‍यपाल सत्‍यदेव नारायण आर्य ने छह कैबिनेट और चार राज्‍यमंत्रियों को शपथ दिलाई। 24 अक्‍टूबर को चुनाव परिणाम आने के 20 दिन बाद आखिर मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल के मंत्रिमंडल का गठन हो तो गया, लेकिन आगाज ही सरकार के भविष्य की तस्‍वीर दिखा गया। मंत्रियों के शपथ लेने का समय दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तय था। लेकिन तय समय पर मंच भी खाली था और वीवीआईपी दीर्घा भी। सिर्फ मीडिया गैलरी खचाखच भरी थी। साढ़े बारह से आगे घड़ी की सूईयां जैसे-जैसे बढ़ती गईं, कयासों और आशंकाओं ने कहानियों का रूप लेना शुरू कर दिया।

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शपथ लेने के लिए तय समय साढ़े बारह बजे तक हालत ऐसी थी कि दुष्‍यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के 10 में से महज एक विधायक अनूप धानक ही वहां मौजूद थे। शपथग्रहण में विलंब स्‍पष्‍ट संकेत था कि मंत्रिमंडल को लेकर घमासान गहरा है। मीडिया गैलरी में चर्चाएं तो यहां तक हुईं कि कहीं आज शपथग्रहण ही कैंसिल न हो जाए, लेकिन यह तो रोमांच की पराकाष्‍ठा होती। ऐसा होना भी नहीं था। बीच में पिछली सरकार के हारे तीनों दिग्‍गज मंत्री राम बिलास शर्मा, कैप्‍टन अभिमन्‍यू और ओमप्रकाश धनखड़ एक साथ वहां पहुंचे तो इन तीनों के बीच एक नए तरह के समीकरण की बात बिल्‍कुल साफ हो गई। साथ ही तीनों की जुगलबंदी देख उनकी असंतुष्टि की बात को भी बल मिलता दिखा।

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शपथ ग्रहण का समय सामान्‍य तौर पर ज्‍योतिषियों की गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त पर तय किया जाता है। विलंब होने का मतलब साफ था कि अंतिम समय तक मंत्रियों के नामों पर कशमकश जारी है। आखिर तय समय से 20 मिनट लेट करीब 12 बजकर 50 मिनट पर मुख्‍यमंत्री मंच पर पहुंचे और तकरीबन 12 बजकर 53 मिनट पर राज्‍यपाल। सबसे पहले शपथ लेने वाले चार कैबिनेट मंत्रियों के नाम लिए गए, जिनमें तीसरा रणजीत चौटाला का नाम चौंकाने वाला था। रणजीत चौटाला देवीलाल के पुत्र हैं और रानियां विस क्षेत्र से निर्दलीय चुने गए हैं, जबकि बीजेपी के बावल आरक्षित क्षेत्र से चुने गए दलित चेहरा और मनोहर-1 सरकार में मंत्री रहे डा. बनवारी लाल का नाम चौथे नंबर पर लिया गया।

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जैसा कि अंदाजा था पहले नंबर पर अंबाला कैंट से छठवीं बार जीते अनिल विज और दूसरे नंबर पर पिछली विधानसभा के स्‍पीकर रहे जगाधरी से विधायक कंवर पाल गुर्जर का नाम था। दो अन्‍य शपथ लेने वाले कैबिनेट मंत्री बीजेपी का ब्राम्‍हण चेहरा और बल्‍लभगढ़ से विधायक मूल चंद शर्मा व लोहारू से विधायक जयप्रकाश दलाल हैं। स्‍वतंत्र प्रभार के राज्‍यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले चार विधायकों में नारनौल से विधायक ओमप्रकाश यादव, कलायत से कमलेश ढांडा, उकलाना आरक्षित से जेजेपी के अनूप धानक व पेहेवा से भारतीय हाकी टीम के पूर्व कप्‍तान संदीप सिंह शामिल हैं।

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मंत्रिमंडल के स्‍वरूप से ही शपथग्रहण के ठीक पहले तक चले घमासान की तस्‍दीक हो गई। मंत्रिमंडल में किसी वैश्‍य विधायक को जगह नहीं मिल पाई है। फरीदाबाद से जीते नरेंद्र गुप्‍ता और हिसार के विधायक कमल गुप्‍ता मंत्री बनने के प्रबल दावेदार थे। नरेंद्र गुप्‍ता को तो पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और मुख्‍यमंत्री के नजदीकी विपुल गोयल का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री कृष्‍ण पाल गुर्जर के कोटे से मैदान में उतारा गया था। आईएएस रहे और नांगल चौधरी से बीजेपी विधायक अभय सिंह यादव इस बार मंत्री बनने की लाइन में थे, लेकिन लिस्‍ट में नाम नहीं होने पर वह भी नाराज दिखे।

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शपथ ग्रहण के बाद जिस तरह वह वहां से सीधे निकल गए उससे यह जाहिर भी हो गया। मंत्रियों के शपथ लेने से एक दिन पहले उप-मुख्‍यमंत्री दुष्‍यंत चौटाला को 11 विभाग दे देना भी चर्चा का विषय बना रहा, जबकि उनकी पार्टी के महज 10 विधायक हैं। निर्दलीयों में महज रणजीत चौटाला को ज्‍यादा अहमियत मिलने से समर्थन देने वाले अन्‍य पांच निर्दलीय विधायक भी खुश नहीं हैं।

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शपथ ग्रहण से दो दिन पहले 12 अक्‍टूबर को दिल्‍ली स्थिति हरियाणा भवन में अचानक निर्दलीय विधायकों की बैठक और अमित शाह से मिलने का समय मांगना उनकी नाखुशी का ही हिस्‍सा है। इसके बाद 13 अक्‍टूबर को इन निर्दलीय विधायकों को चंडीगढ़ डिनर में मुख्‍यमंत्री को बुलाकर साधना पड़ा। पहले 13 को ही शपथ ग्रहण होना था, लेकिन जद्दोजहद के बीच संघ की भी अंको का योग सही न होने की सलाह के बाद यह 14 को हुआ।

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6 कैबिनेट और 4 राज्‍यमंत्रियों में से जेजेपी के महज एक मंत्री अनुप धानक ने ही शपथ ली है। 90 सदस्‍यीय विधानसभा में अधिकतम 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मुख्‍यमंत्री और उप-मुख्‍यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्‍या 12 हो गई है। भविष्‍य में समीकरण साधने के लिए दो मंत्रियों की गुंजाइश अभी छोड़ी गई है। निर्दलीय विधायकों में से महज रणजीत चौटाला को ही मंत्रिमंडल में जगह मिली है। तमाम कशमकश और कयासों के बीच हरियाणा में मंत्रिमंडल का गठन तो हो गया है, लेकिन हालात यही कह रहे हैं कि यह तो अभी ट्रेलर है।

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