जिसका अंदेशा था आखिर वही हुआ। हरियाणा सरकार ने कोरोना के नाम पर विधानसभा सभा का सत्र एक दिन का कर अपने सारे विधायी कार्य निपटा डाले। एक के बाद एक 12 बिल उसने विधान सभा से पास करवा लिए। कोरोना महामारी के बीच मुश्किलों से घिरी हरियाणा की जनता पर दो शब्द तक बोलना मुनासिब नहीं समझा गया। सरकार का रवैया देख विधान सभा में जमकर हंगामा बरपा।
विपक्ष के विधायक अपनी सीटों पर खड़े हो गए, लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा। यहां तक कि सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों ने भी जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। सरकार का रवैया देख कांग्रेस के विधायकों ने अंतत: सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
Published: undefined
हरियाणा विधान सभा का एकदिनी सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। यह पहली बार हुआ कि कोरोना से ग्रसित होने के बाद मुख्यमंत्री और स्पीकर के बिना विधान सभा का सत्र हुआ। सदन का संचालन डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा ने किया और सदन के नेता के तौर पर उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला खड़े हुए।
सुबह विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय हुआ कि कोरोना संकट के चलते सत्र को एक दिन का कर दिया जाए और इसमें सिर्फ जरूरी कार्य ही निपटाए जाएं। दोपहर बाद दो बजे जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही आरंभ हुई डिप्टी स्पीकर ने कहा कि प्रश्नकाल को खत्म कर विधायकों के सवालों के जवाब सीधे सदन के पटल पर रख दिए जाएं, जिसमें किसी विधायक को सवाल पूछने का समय नहीं मिलेगा। ठीक इसी तरह ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर भी सरकार का जवाब सदन के पटल पर रख दिया जाए, जिस पर कोई चर्चा नहीं होगी। इसकी जगह आवश्यक बिल पास कर लिए जाएं।
Published: undefined
डिप्टी स्पीकर के यह कहते ही सदन में जमकर हंगामा हुआ। विधायक सदन में चर्चा की मांग कर रहे थे। हालांकि, गृहमंत्री बीच में सफाई देते नजर आए कि कोरोना के चलते सदन की कार्यवाही एक दिन की गई है। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने कहा कि हम सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। सप्लीमेंटरी सवाल पूछना हमारा अधिकार है। डिप्टी स्पीकर से उनकी बहस भी हो गई। अभय चौटाला ने कहा कि "सदन में अगर चर्चा ही नहीं करनी थी तो हमें यहां क्यों बुलाया। आप प्रदेश को लूट कर खा गए। हम घोटालों पर यहां चर्चा करने आए थे। जब महज 500 कोरोना के मरीज थे तो आपने पूरा देश बंद कर दिया। आप उन 500 लोगों का इलाज नहीं कर पाए। सरकार के पास कोरोना की न कोई दवा है, न इलाज और चर्चा भी नहीं कराना चाहते।"
कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल बच्चों की परीक्षाओं का सवाल उठाती रहीं। फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने शनिवार और रविवार की बंदी का फरमान वापस लेने की मांग की। कांग्रेस के बीबी बत्रा ने कहा कि सिर्फ जरूरी बिल पास करवाने की बात थी। लेकिन बिना चर्चा के बुलडोज कर बिल पास करवाए जा रहे हैं। नेता विरोधी दल भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उनका समर्थन किया।
Published: undefined
विधान सभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के भी सदस्य हुड्डा ने कहा कि बैठक में सिर्फ आवश्यक बिल पास करने का ही फैसला हुआ था। इस बीच कांग्रेस विधायक विरोध में बाहर चले गए। रजिस्ट्री घोटाले की चर्चा पर विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि "इस सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश में 970 अवैध कालोनियां बनी हैं।"
सदन में सरकार के लिए उस वक्त अजीब स्थिति बन गई जब सरकार के घटक जन नायक जनता पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम ने कहा कि "टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के लोग पैसे खाकर कालोनियां खड़ी करते हैं। सब सरकार की सौदेबाजी है।"
सत्ता पक्ष को उस समय और मुश्किल हुई जब सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद ने रजिस्ट्री घोटाले पर भ्रष्टाचार की परत खोलनी शुरू की। उन्होंने कहा कि "आम आदमी को ब्लैकमेल किया जा रहा है। आज भी अन-ऑथराज्ड मकान बन रहे हैं। धड़ल्ले से रजिस्ट्री हो रही हैं। हर रजिस्ट्री में 2 से 3 लाख रुपये तक लिए जा रहे हैं। एक्शन मंत्री से लेकर अधिकारियों पर होना चाहिए। लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के लोग आम आदमी को ब्लैकमेल कर रहे हैं।"
Published: undefined
रजिस्ट्री घोटाले पर हुड्डा ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से सीधा सवाल किया कि सरकार इसकी सीबीआई, हाईकोर्ट के सिटिंग जज या जेपीसी जैसी विस की कमेटी से जांच करवाएगी क्या। हमें हां या न में जवाब चाहिए, लेकिन दुष्यंत के पास इसका कोई जवाब नहीं था।
इधर, इस टोका-टाकी के बीच सरकार अपने बिल सदन में पास करवाती रही। हंगामे का भी जब सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा तो कांग्रेस विधायकों ने बायकाट कर दिया। हुड्डा ने कहा कि "हम शराब घोटाले, रजिस्ट्री घोटाले, धान घोटाले जैसे मसलों पर सदन में चर्चा करना चाहते थे। कोरोना के नाम पर हम सत्र एक दिन का कर देने और सिर्फ जरूरी बिल पास करने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन सरकार ने दर्जन भर बिल पास करवा लिए।"
इस तरह दोपहर बाद दो बजे शुरू हुआ सत्र महज तकरीबन 3 घंटे में ही खत्म हो गया। हालांकि, बाद में डिप्टी स्पीकर ने मीडिया से सफाई देते हुए कहा कि सत्र खत्म नहीं हुआ है। जैसे ही हालात ठीक होंगे, फिर सत्र बुलाया जाएगा, लेकिन सरकार का रवैया देख पूरा विपक्ष ठगा महसूस कर रहा था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined