कोटा में किराये के मकान में फांसी लगाने वाले नीट (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) के एक अभ्यर्थी के पिता ने मकान मालिक और प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि पंखे में आत्महत्या रोधक उपकरण लगा होता तो उनके बेटे की जान नहीं जाती।
थाना प्रभारी (विज्ञान नगर) सतीश चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज के 20 वर्षीय मोहम्मद उरूज का शव पोस्टमार्टम के बाद बुधवार सुबह उसके परिवार को सौंप दिया गया।
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उन्होंने कहा कि उरूज के पिता सबीर खान की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है और अब उरूज के इस अतिवादी कदम की वजह जानने की कोशिश की जा रही है।
चौधरी ने मंगलवार को कहा था कि उरूज के कमरे में छत के पंखे में आत्महत्या रोधक उपकरण नहीं लगा था।
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खान ने मुर्दाघर के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह अपने बेटे की मौत के लिए मकान मालिक और प्रबंधन को जिम्मेदार मानते हैं।
उन्होंने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई में अच्छा था लेकिन मकान मालिक और प्रबंधन की लापरवाही है कि उरूज के कमरे में छत के पंख में आत्महत्या रोधक उपकरण नहीं लगा था।
उन्होंने कहा कि नियमों एवं निर्देशों के मुताबिक यदि उन्होंने यह उपकरण लगाया होता तो उरूज की जान बच सकती थी।
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आत्महत्या रोधक उपकरण स्प्रिंग जैसा उपकरण होता है जो पंखे की छत में लगाया जाता है। जब 20 किलोग्राम से अधिक वजन पंखे से लटकता है तो वह नीचे लटक जाता है तथा किसी के लिए फांसी लगाना मुश्किल हो जाता है। उस समय सायरन भी बज जाता है।
उरूज के पिता ने कहा कि सोमवार को उन्होंने अपने बेटे से बात की थी और वह सामान्य था।
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चौधरी ने कहा कि दिशानिर्देश का पालन नहीं करने को लेकर मकान मालिक के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले में प्रेम प्रसंग के कोण की भी जांच की जा रही है। वैसे उरूज के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला
पीटीआई के इनपुट के साथ
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