हरियाणा के गुरुग्राम में एक बार फिर नमाज को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मस्जिद के लाउडस्पीकर से अजान दिये जाने को लेकर शुरू हुए विवाद में गुरुग्राम नगर निगम ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए एक मस्जिद को सील कर दिया है। गुरुग्राम के शीतला कॉलोनी स्थित तीन मंजिला मदीना मस्जिद को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद जारी था। बीते दिनों हिंदू संगठनों ने मस्जिद के लाउडस्पीकर पर आपत्ति जताते हुए काफी हंगामा किया था और फिर शिकायत भी दर्ज कराई थी। कहा जा रहा है कि उसी शिकायत के आधार पर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए मस्ज़िद को सील कर दिया है। नगर निगम और प्रशासन की इस कार्रवाई से वहां के मुस्लिम समुदाय में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि प्रशासन ने जानबूझकर पक्षपात करते हुए यह कार्रवाई की है।
बता दें कि गुरुग्राम के थाना सेक्टर 5 में आने वाले शीतला कॉलोनी में मौजूद मदीना मस्जिद के लाउडस्पीकर को लेकर कुछ दिन पहले विवाद खड़ा हो गया था। जिसकी वजह से दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे और इलाके में तनाव फैल गया था। इसके बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को समझौते के लिए थाने बुलाया गया था। जहां 70-80 की संख्या में मौजूद उग्र हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने एसएचओ के सामने ही मुसलमानों को खुली धमकी देते हुए कहा था कि उन्हें इस इलाके में मस्जिद बर्दाश्त नहीं है। उस दौरान उन्होंने मुस्लमानों को जान से मारने की और उनके घरों को जला देने की भी धमकी दी थी। सामाजिक कार्यकर्ता और मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष शहजाद खान ने कहा नगर निगम की तरफ़ से मस्जिद पर की गई कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि मस्जिद को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। इसको लेकर मुस्लिम एकता मंच के सदस्यों ने जोनल कमिश्नर डी सुरेश से मुलाकात कर गुहार लगाई है। कमिशनर ने बताया कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए जिला समाहर्ता को निर्देश दिया गया है।
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वहीं हिंदू संगठन आरोप लगाते रहे हैं कि यह मस्जिद एक घर है और इसका इस्तेमाल मस्जिद के तौर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां रोजाना सैकड़ों लोगों के आने और लाउडस्पीकर से दी जाने वाली अजान से लोगों को परेशानी होती है। लेकिन बता दें कि शीतला कॉलोनी में मदीना मस्जिद का निर्माण कुछ साल पहले किया गया था और वहां पिछले 4 सालों से नमाज पढ़ी जा रही है। खास बात ये है कि 6 महीने पहले गुरुग्राम में जब खुले में नमाज अदा करने पर हिंदू कट्टरपंथियों ने विवाद खड़ा किया था, उस समय पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से इलाके में नमाज पढ़ने की जगहों की जो लिस्ट ली थी, उसमें भी मदीना मस्जिद शामिल है। मुस्लिम एकता मंच के शहजाद खान ने बताया कि मस्जिद के लिए जब जमीन खरीदी गई थी तो उस समय भी ये स्पष्ट कर दिया गया था कि उस जमीन पर मस्जिद का निर्माण किया जाएगा। और इस बात का उल्लेख जमीन के कागजों में भी किया गया है।
गौरतलब है कि गुरुग्राम में इससे पहले भी कई बार सार्वजनिक स्थलों पर जुमे की नमाज पढ़ने को लेकर विवाद हो चुका है। कुछ महीने पहले हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गुरुग्राम में कई जगहों पर जुमे के दिन नमाज पढ़ने जुटे मुसलमानों के साथ मारपीट की थी और उन्हें वहां से भगा दिया था। खुले में नमाज को लेकर कई दिनों तक विवाद और तनाव के बाद प्रशासन ने नमाज अदा करने के लिए जगह तय कर दिया था।
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