राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास सबसे तेजी से विकसित हो रहे रियल एस्टेट केंद्र में से एक ग्रेटर नोएडा के एक गांव में मंगलवार शाम दो इमारतें ढह गईं जिसमें दबकर 7 लोगों की मौत हो गई। अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। इन इमारतों में एक निमार्णाधीन थी, जबकि दूसरी बनकर तैयार हो चुकी थी और उसमें कुछ परिवार रहने भी लगने थे। एक अधिकारी ने बताया शाहबेरी गांव में मंगलवार रात 8.30 से 9 के बीच दो इमारतें गिर गईं। इमारतों के भूतल की दीवारों में अत्यधिक नमी आने और निर्माण में बेकार गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का उपयोग होने की वजह से गिरी हैं।
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हालांकि, मलबे में फंसे लोगों की स्पष्ट संख्या की जानकारी अभी नहीं है लेकिन अधिकारियों और आस-पास रहने वालों ने मलबे में कम से कम 50 लोगों के दबे होने की आशंका जताई है जिनमें ज्यादातर मजदूर हो सकते हैं। घटना के बाद बुधवार सुबह बचावकर्मियों ने मलबे से 3 शव बरामद किए थे। दोपहर बाद बचावकर्मियों को पत्थरों के नीचे एक पैर दिखाई दिया। तीन-चार घंटे की मशक्कत के बाद बचावकर्मियों ने शव निकाला जो एक महिला का था। इसके बाद देर शाम बचावकर्मियों को मलबे से 3 और शव निकालने में सफलता मिली। बरामद शवों में से अब तक केवल एक की पहचान हो सकी है। मृतक का नाम रजनीश भौमली (36) था और वह यहां राजमिस्त्री का काम करते थे।
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मंगलवार देर शाम यह हादसा तब हुआ जब एक निमार्णाधीन इमारत पास की एक चार मंजिला इमारत पर गिर गई। उस इमारत में चार लोगों का परिवार रहता था। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए नोएडा के जिलाधिकारी को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने हादसे में मरने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
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दुर्घटना स्थल पर बचाव अभियान अभी जारी है और बचावकर्मी ड्रिलिंग मशीन, हथौड़े और आरी से पत्थर और लोहे की सरियों को काटने की कोशिश कर रहे हैं। मलबे में जीवित लोगों की तलाश के लिए जासूसी कुत्तों का भी सहयोग लिया जा रहा है। निर्माण कार्य की वजह से इमारत तक जाने वाली सड़क जगह-जगह खुदी पड़ी है। बारिश की वजह से उन गड्ढों में पानी भरा हुआ है, जिससे क्रेनों और ड्रिलिंग मशीनों को घटनास्थल पर पहुंचने में काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ा।
मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि बिल्डर गंगा प्रसाद द्विवेदी सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि चारों से पूछताछ हो रही है। उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इमारत और इसके आसपास रह रहे मजदूरों का कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं होने की वजह से मलबे में फंसे लोगों की संख्या की पुष्टि नहीं हो पा रही है। इस इलाके में कई इमारतें निमार्णाधीन हैं और उनमें बड़ी संख्या में मजदूर रहते हैं।
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अपर सूचना सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर बनाए हैं। अवस्थी ने बताया कि एसडीआरएफ और पुलिस को भी तत्काल राहत कार्य में जुटने का निर्देश जारी किया गया है। वहीं, गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी ब्रजेश नारायण सिंह ने एडीएम विनीत कुमार को मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में धड़ल्ले से, खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निर्माण कार्य हो रहे हैं।
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