कोविशील्ड वैक्सीन के 'साइड इफेक्ट्स' को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन निर्माता से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए।
यादव ने कहा कि ऐसी 'जानलेवा' दवाओं की अनुमति देना किसी की हत्या की साजिश के समान है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
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यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "एक व्यक्ति को दो वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनानेवाली कंपनी ने कहा है कि इससे हृदयघात का ख़तरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक़ और डर सही साबित हुआ है।"
उन्होंने कहा, "लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को अनुमति देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए।"
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उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सत्ताधारी दल ने वैक्सीन बनानेवाली कंपनी से राजनीतिक चंदा वसूलकर जनता की जान की बाज़ी लगायी है। न क़ानून कभी उन्हें माफ़ करेगा, न जनता। इस मामले में सर्वोच्च स्तर पर न्यायिक जांच हो।"
यादव ने बुधवार शाम को ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में कहा,''सरकार सौदागर नहीं होनी चाहिए। चंदे के नाम पर कुछ करोड़ रुपयों के लिए देश की 80 प्रतिशत आबादी का जीवन ख़तरे में डालनेवाली पैसों की लालची पार्टी को देश की जनता लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हराकर अपना जवाब देगी।''
उन्होंने कहा कि देशभर की डरी हुई जनता अपना ‘वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट’ (टीकाकरण प्रमाणपत्र) निकालकर देख रही है कि उसे कौन सी वैक्सीन (टीका) लगी है।
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यादव ने कहा, ''हमने पहले भी कहा था, अब भी कह रहे हैं कि पूरी तरह से जाँच-परीक्षण के बिना वैक्सीन दिया जाना सही नहीं था। अब जब विदेशी अदालत में कोविशील्ड वैक्सीन बनानेवाली कंपनी ने ख़ुद इसके बुरे साइड इफ़ेक्ट के बारे में स्वीकार कर लिया है तो फिर जनता को और क्या सबूत चाहिए।''
सपा प्रमुख यादव ने कहा, ''अब भाजपाई जहां भी जाएंगे, जनता के जीवन का सवाल उनका पीछा करेगा। इसका शिकार तो बीजेपी के समर्थक भी हुए हैं। वैक्सीन के बुरे असर और जनता के विरोध के कारण, भाजपाइयों का डर तो आम जनता के डर से दोगुना हो गया है। धीरे-धीरे पनपते जन विरोध को देखते हुए भाजपाइयों के घरों और वाहनों से झंडे उतर गये हैं और गलों से बीजेपी के पट्टे भी क्योंकि आम भाजपाई को तो सुरक्षा का कोई घेरा नहीं मिला है।''
यादव ने कहा, ‘‘अब देखें बीजेपी कैसे अपने मंचों से दावा करती है कि उसने कोरोनाकाल में जनता की जान बचाने का काम किया है; जबकि सच में जान जोखिम में डालने का काम किया है। बीजेपी ने एक वैश्विक महामारी की आपदा में भी कोविड के टीके के प्रमाणपत्र में तस्वीर छापकर अपने प्रचार का अवसर ढूँढ लिया था। अब जब लोग अपने वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट को देख रहे हैं, तो उनका विरोध और ग़ुस्सा और बढ़ रहा है।’’
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यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘देश की सम्पत्ति बेचनेवालों ने, चंद पैसों के लिए देश की करोड़ों लोगों की ज़िंदगियों की भी बाज़ी लगा दी है। अब जनता बीजेपी को हमेशा के लिए हटाकर अपना वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित कर लेगी।’’
इससे पहले, मंगलवार को सपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने लोगों को "जबरन" लगाई गई कोविड वैक्सीन के निर्माता से "कमीशन" लिया।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अजय राय ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला किया था और आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा था, "क्या यही मोदी की गारंटी है?"
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ब्रिटिश मीडिया द्वारा उद्धत किए गए अदालती दस्तावेजों के मुताबिक ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि यूरोप में वैक्सजेवरिया और भारत में कोविशील्ड नामक उसकी कोविड-19 वैक्सीन 'बहुत दुर्लभ मामलों' में रक्त के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है, हालांकि इसका कारण अज्ञात है।
भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था।
सपा महासचिव शिवपाल यादव ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था, "अब यह उजागर हो गया है कि उन्होंने टीकों में भी कमीशन लिया है। लोगों को घटिया गुणवत्ता वाले टीके और दवाएं दी गईं।"
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने देश में लोगों को 'जबरन' कोविड के टीके लगाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा था, "बीजेपी ने 200-300 करोड़ रुपये का चंदा लिया और उन्हें (कंपनी को) वैक्सीन बेचने की अनुमति दी गई। लोगों को जबरन वैक्सीन लगाई गई। दुनिया में कहीं भी वैक्सीन जबरन नहीं लगाई गई। वैक्सीन बनाने में भ्रष्टाचार सामने आया है, जिसकी वजह से अब लोग मर रहे हैं।"
कोविड के समय में अखिलेश यादव ने कहा था कि वह 'बीजेपी की वैक्सीन' नहीं लगवाएंगे।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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