दिल्ली-एनसीआर में सरकारी संस्थाओं ने ही प्रदूषण से निपटने से जुड़े नियम-कायदों को नजरअंदाज कर दिया। इस पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने आधे दर्जन सरकारी संस्थाओं को नोटिस भेजकर उन्हें भवन निर्माण, विध्वंस अपशिष्ट और धूल प्रबंधन से जुड़े नियम-कायदों का सख्ती से पालन करने के लिए चेताया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मानकों का ख्याल नहीं रखा गया तो फिर भवन निर्माण कार्य रुकवा दिए जाएंगे। उधर, इस मसले पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सभी एजेंसियों से एकजुट होकर एनसीआर में प्रदूषण से निपटने पर बल दिया है। उन्होंने कहा, दिल्ली में प्रदूषण का मुकाबला सभी एजेंसियों को मिलकर करना होगा, तभी दिल्लीवासियों को इससे थोड़ी राहत मिलेगी। मैं निर्माण और विध्वंस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमों और प्रभावी धूल प्रबंधन के सख्त अनुपालन के लिए सभी एजेंसियों से अनुरोध करता हूं।
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दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से चार वर्ष पूर्व ही भवन निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट के प्रबंधन के लिए कानून बनाया जा चुका है। इसके तहत भवनों के निर्माण या टूट-फूट के दौरान निकलने वाले अवशेषों का समुचित प्रबंधन करना होगा। भवन निर्माण स्थल पर धूल प्रबंधन के लिए भी सख्त नियम है। जिससे प्रदूषण न फैल सके। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए गठित 50 टीमों ने चेकिंग के दौरान देखा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई सरकारी संस्थानों की ओर से निर्माण कार्यों के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
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मिसाल के तौर पर दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दिल्ली गेट, मोतीबाग, मंडी हाउस, तिलक लेन में निर्माण स्थल पर संबंधित नियमों का उल्लंघन होता दिखा। इसी तरह दिल्ली राज्य औद्यौगिक विकास निगम, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली राज्य पीडब्ल्यूडी, डीडीए, सीपीडब्ल्यूडी, डीएमआरसी, एनएचएआई और एमटीएनएल की साइट पर भी मानकों की अनदेखी पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी प्रशांत गार्गव ने नोटिस जारी कर नियमों का ध्यान रखने को कहा है। अन्यथा की स्थिति में निर्माण कार्यों को रोक दिया जाएगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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