केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी नेताओं खासकर पीएम मोदी द्वारा किये गए बड़े-बड़े वादों को जुमला बताने वाले अपने वीडियो पर सफाई दी है। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए कहा कि उसमें उन्होंने मोदी जी या 15 लाख रुपये के वादे पर कुछ नहीं कहा है। गडकरी ने उल्टा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कब से मराठी समझने लगे, क्योंकि वह कार्यक्रम मराठी में था। यही नहीं, गडकरी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए ये भी कह दिया कि कि वीडियो में महाराष्ट्र सरकार के संदर्भ में बात हो रही थी और उसका बीजेपी या केंद्र की मोदी सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
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मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक मराठी चैनल को दिए गडकरी के इंटरव्यू के वीडियो को ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा था। राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा कि “सही फ़रमाया, जनता भी यही सोचती है कि सरकार ने लोगों के सपनों और उनके भरोसे को अपने लोभ का शिकार बनाया है।” राहुल गांधी के शेयर किये गए वीडियो में नितिन गडकरी 2014 में बीजेपी और नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए चुनावी वादों पर टिप्पणी करते साफ दिख रहे हैं। कांग्रेस ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा कि गडकरी जी हमारे विचारों से सहमत दिखते हैं कि मोदी सरकार जुमलों और झूठे वादों की बुनियाद पर बनी है।
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दरअसल गडकरी का वायरल हो रहा यह वीडियो एक मराठी चैनल के कार्यक्रम के लिए अभिनेता नाना पाटेकर और एक अन्य एंकर के साथ उनके इंटरव्यू का हिस्सा है। वीडियो में वह मराठी में बात करते हुए कहते हैं कि, “उन्हें तो कभी उम्मीद ही नहीं थी कि वे सत्ता में आ जाएंगे। फिर लोगों ने कहा कि लंबे-लंबे वादे करना शुरु कर दो। अगर पूरे नहीं हुए तो कौन सा हम सत्ता में आने वाले हैं जिन्हें पूरा करना पड़ेगा।“ उन्होंने आगे कहा कि, “लोगों ने सचमुच वोट देकर सत्ता में पहुंचा दिया।“ यह कहकर नितिन गडकरी जोर से हंस पड़ते हैं। इसके बाद जब पूछा गया कि अब जब लोग याद दिलाते हैं तो क्या करते हैं, तो उन्होंने काह, “हम भी हंस देते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।”
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दरअसल 2014 में बीजेपी के वादों के लिए जुमला शब्द तो खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ही इस्तेमाल किया था, जब उनसे पूछा गया था कि वादे के मुताबिक लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपए कब आएंगे। उन्होंने कहा था कि ये तो एक चुनावी जुमला था। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और पीएम मोदी अपनी हर रैलियों और चुनावी सभाओं में विदेश से काला धन वापस लाने और देश के हर नागरिक के खाते में 15-15 लाख रुपये आने' की बात कहते थे। इसके अलावा पीएम मोदी ओर बीजेपी नेताओं ने और भी कई बड़े-बड़े लोकलुभावन वादे किये थे। लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि सत्ता में आने के लिए बीजेपी और पीएम मोदी ने जितने भी वादे किए थे, वे सब कोरे वादे और जुमले थे।
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