चारा घोटाले के पांचवें मामले में सजा सुनाये जाने के बाद लालू प्रसाद यादव जज्बाती हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाओं का इजहार किया है। उन्होंने अदालत के फैसले पर सीधे-सीधे कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन काव्यात्मक अंदाज में कहा है कि सलाखें उनके हौसले नहीं तोड़ सकतीं, क्योंकि सच उनकी ताकत है और जनता उनके साथ है। उन्होंने अन्याय, असमानता, तानाशाही और जुल्मी सत्ता के लड़ने का संकल्प जाहिर किया है। लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया पर जो काव्यात्मक पोस्ट किया है, वह इस प्रकार है-
अन्याय असामनता से
तानाशाही जुल्मी सत्ता से
लड़ा हूं लड़ता रहूंगा
डालकर आंखों में आंखें
सच जिसकी ताकत है
साथ है जिसके जनता
उनके हौसले क्या तोड़ेंगी सलाखें
मैं उनसे लड़ता हूं जो आपस में लड़ाते हैं
वो हरा नहीं सकते जो साजिशों से फंसाते हैं
ना डरा ना झुका, सदा लड़ा हूं और लड़ता ही रहूंगा
लड़ाकों का संघर्ष न कायरों को समझ आया है ना आएगा।
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बता दें कि लालू प्रसाद बार-बार कहते रहे हैं कि चारा घोटाले में उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने अदालत में पेशी के दौरान कहा था कि जैसे ही उन्हें पशुपालन विभाग में हो रही गड़बड़ी का पता चला था, उन्होंने मुख्यमंत्री की हैसियत से सबसे पहले इसकी प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इसमें उनकी कोई संलिप्तता नहीं है।
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सोमवार को चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में सजा सुनाये जाने के बाद लालू प्रसाद यादव के वकीलों ने कहा कि सीबीआई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जायेगी। लालू प्रसाद को कुल पांच मामलों में अब तक साढ़े बत्तीस साल की सजा सुनाई गई है और एक करोड़ साठ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पहले के चार मामलों में उन्हें छह बार जेल पाना पड़ा था। चार मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। पांचवें मामले में सजा आने के बाद सबसे पहले उनकी जमानत की अर्जी दाखिल करने की तैयारी चल रही है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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