17 वीं लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। लोकसभा की कुल 543 सीटों पर 7 चरणों में मतदान कराए जाएंगे। 11, 18, 23, 29 अप्रैल और 6, 12 और 19 मई को चुनाव होंगे। सभी चरणों की वोटिंग की गिनती एक साथ 23 मई को होगी। ये तो रही लोकसभा चुनाव 2019 की बातेें। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश की पहली लोकसभा चुनाव के बारे में।
भारत को 1947 में आजादी मिली और इसके पांच साल बाद 1952 में देश में पहली बार आम चुनाव कराया गया। उस चुनाव में 489 सीटों के लिए वोट डाले गए और कुल 17 करोड़ 32 लाख (44.87 फीसदी) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। राजस्थान के कोट बूंदी सीट पर सबसे कम 22.59 फीसदी लोगों ने ही वोट डाले, जबकि केरल के कोट्टायम सीट पर सबसे ज्यादा 80.49 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
पहले आम चुनाव में कुल 53 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था। जिसमें 14 राष्ट्रीय और 39 क्षेत्रीय दल शामिल थे। उस चुनाव में कांग्रेस ने 364 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 1952 के चुनाव में कांग्रेस ने 45 फीसदी वोट प्राप्त किए थे। वहीं कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) को 16, सोशलिस्ट पार्टी को 12, किसान मजदूर प्रजा पार्टी को 9, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) को 7 और अन्य को 44 सीटें हासिल हुई थी। वहीं 37 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में सफल रहे थे।
इनके अलावा गणतंत्र परिषद को 6, हिंदू महासभा को 4, शिरोमणि अकाली दल को 4, अखिल भारतीय राम राज्य परिषद को 3, भारतीय जनसंघ को 3 सीटों पर जीत मिली।
पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री बने। जी.वी. मावलंकर पहली लोकसभा के अध्यक्ष बने थे। इस लोकसभा ने 17 अप्रैल, 1952 से 4 अप्रैल 1957 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि इससे पहले भी अंग्रेजों ने कई चुनाव कराए लेकिन 1952 का चुनाव पहला ऐसा चुनाव था जिसमें पूरी भारतीय समाज को शामिल किया गया।
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