देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर कड़ी आलोचना झेल रही मोदी सरकार ने एक नया दांव चला है। केंद्र सरकार ने ढेर सारी बैंकों का एक साथ विलय करने का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा कर दी। इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, केनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय किया जाएगा, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा।
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वित्त मंत्री के अनुसार, इसी तरह से इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर एक बैंक का गठन किया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंटल बैंक ऑफ इंडिया बरकरार रहेंगे। इस विलय प्रक्रिया के बाद देश में सिर्फ 12 सरकारी बैंक बचेंगे, जबकि अब तक इनकी संख्या 27 थी।
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मोदी सरकार द्वारा बैंकों के विलय के ऐलान के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा, जिसका कुल कारोबार 17.5 लाख करोड़ रुपये का होगा। वहीं, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को मिलाकर बनाया गया बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस विलय के साथ इस बैंक का कुल कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये होगा।
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मोदी सरकार के इस फैसले के साथ ही इन बैंकों के कर्मचारियों को नौकरी का डर सताने लगा है। कर्मचारियों को आशंका है कि कहीं इन बैंकों में छटनी न शुरू हो जाए। हालांकि मीडिया से बात करते हुए वित्त सचिव ने इन संभावनाओं से इनकार कि है।
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