नेशनल कांफ्रेंस (NC) प्रमुख फारूख अब्दुल्ला सात महीने नजरबंदी के बाद बाहर निकले। इसके साथ ही उन्होंने बाकी नजरबंद नेताओं की रिहाई के लिए मांग की। उन्होंने कहा कि इससे पहले की राजनीति हमें अलग करे हमसब एकजुट होकर केंद्र सरकार से बाकी नेताओं को रिहा करने की मांग करे।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि 5 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए महत्वपूर्ण बदलावों का जायज़ा लेने के लिए मेरा मानना है कि राजनीतिक विचारों का एक स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम अभी भी ऐसे माहौल से कुछ दूर हैं जहां इस तरह का राजनीतिक संवाद संभव हो। फारुक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मैं इस बात से अवगत हूं कि सैकड़ों कश्मीरी परिवारों की तुलना में मैं कहीं ज्यादा भाग्यशाली हूं। मुझे घर पर नजरबंद कर दिया गया था और मेरे परिवार मुझतक पहुंच सकता था। गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला हाल ही में पीएसएस कानून के तहत 220 दिनों के बाद रिहा हुए।
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अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल अगस्त में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या को देखते हुए कुछ लोगों को जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में रखा गया। इससे पहले अब्दुल्ला अपने बेटे उमर अब्दुला से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने गया, तो उसे देखने के लिए मुझे अपने घर से एक किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी।
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गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य से विशेष दर्जा वापस ले लिया था, जिसके बाद फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और एक और मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद 15 सितंबर को फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया जबकि उनके बेटे उमर की ऐहतियातन हिरासत पांच फरवरी को खत्म हो रही थी, लेकिन उससे कुछ ही घंटे पहले इसे छह महीने के लिये बढ़ा दिया गया था।
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