पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती के अवसर पर पंजाब और हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच शुक्रवार को तनाव बना रहा। किसान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
पंजाब और हरियाणा के कुछ स्थानों पर बीजेपी कार्यकर्ता और किसानों के बीच मामूली झड़पें हुईं। पंजाब के बठिंडा और जालंधर और हरियाणा के कैथल शहर में झड़प देखी गई।
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बठिंडा में उत्तेजित किसान उस स्थान पर पहुंचे, जहां बीजेपी कार्यकर्ता वाजपेयी की जयंती मनाने के लिए एक समारोह आयोजित करने जा रहे थे। आरोप लगाया गया है कि उनके साथ कथित तौर पर मार-पिटाई की गई और पथराव किया गया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में किसान वहां धरने पर बैठ गए।
किसान यूनियन भाकियू (एकता उग्राहन) के नेता मोथू कोटरा ने कहा, "किसान दिल्ली की सीमाओं पर भीषण ठंड के बावजूद खुले में बैठे हैं और बीजेपी यहां कुछ जश्न मना रही थी। विरोध के तौर पर हमने उन्हें समारोह को करने की अनुमति नहीं दी।"
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उन्होंने कहा, "राज्य के बीजेपी नेताओं के खिलाफ हमारा विरोध तीन महीने से अधिक समय से चल रहा है।" इसी तरह किसानों ने बीजेपी को जालंधर शहर में भी ऐसा ही आयोजन नहीं करने दिया।
हरियाणा के कैथल शहर में भी किसान काफी आक्रामक देखे गए। किसानों के विरोध के चलते प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायक ईश्वर सिंह को 'सुशासन दिवस' के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम बीच में ही छोड़ना पड़ा। उन्हें किसानों के सामूहिक विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वह कार्यक्रम छोड़ने को मजबूर हो गए।
कार्यक्रम स्थल को छोड़ते समय पुलिस ने विधायक को सुरक्षा की दृष्टि से वहां से निकलने में मदद की। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए किसानों ने शुक्रवार को पूरे हरियाणा में तीन दिनों के लिए टोल प्लाजा पर विरोध जताने का निर्णय लिया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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