कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बात एक बार फिर सच साबित हुई। दरअसल कृषि कानूनों का विरोध कर रहे राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार को किसान विरोधी नए कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (शुक्रवार) सुबह नौ बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि ये कानून कृषि सुधार के लिए लाए गए थे, लेकिन हम कुछ किसानों को समझा नहीं सके। ऐसे में हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है।
Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST
प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे 'अन्याय और अहंकारी सरकार के खिलाफ जीत' करार दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!'' उन्होंने साथ में पुराना वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों को मेरा पूरा समर्थन है। मुझे उन पर बहुत गर्व है। मेरे शब्दों को मार्क कर लीजिए, सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा।''
Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST
राहुल गांधी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। कई बड़े-बड़े पत्रकार इस बयान को शेयर कर राहुल गांधी की तारीफ कर रहे हैं। कमलेश यादव नाम के शख्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया, 'बंदे में है दम। राहुल की बात दुरुस्त होती है लेकिन लोगों को देर से समझ आती है।'
Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST
वहीं वरिष्ठ पत्रकार उमाशंकर सिंह ने राहुल गांधी के बयान को ट्वीट कर कहा कि ये कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कॉन्फिडेंस था। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मेरी बात गांठ बांध लीजिए। इन क़ानूनों को सरकार वापस लेने को मजबूर होगी।” ये कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कॉन्फिडेंस था।
Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को गांधीवादी आंदोलन की जीत बताई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "गांधीवादी आंदोलन ने अपनी ताकत दिखाई है और सरकार को मजबूर किया है।"
Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "संघर्ष की जीत, अहंकार की जीत, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद। पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत की जय हो।" प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद, कांग्रेस ने इसे 'आगामी चुनावों के मद्देनजर लिया गया निर्णय' करार दिया। पिछले साल पारित किए गए तीन कृषि कानून व्यापक आंदोलन का कारण रहे हैं।
Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST
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Published: 19 Nov 2021, 2:00 PM IST