“जो सत्तर सालों से गरीबों के खाते तक नहीं खुलवा पाए वो पैसे कहां से डालेंगे।” ये शब्द हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के, जो उन्होंने गुरुवार को अपनी एक चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम आय गारंटी यानी ‘न्याय’ योजना के तहत देश के गरीबों को हर महीने 12 हजार रुपये दिए जाने वाली बात पर तंज कसते हुए कहे। पीएम मोदी के इस तंज का करार जवाब दिया है आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने। राहुल गांधी की न्यूनतम आय गारंटी योजना (न्याय) का समर्थन करते हुए राजन ने कहा है कि इस योजना को लागू किया जा सकता है।
बुधवार को मुंबई में अपनी नई किताब ‘द थर्ड पिलर’ के लोकार्पण के मौके पर राजन ने बताया कि न्यूनतम आय योजना को लेकर उन्होंने राहुल गांधी, पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम और पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह से बात की थी।
रघुराम राजन ने कहा कि, “जो लोग इस योजना का मजाक उड़ा रहे हैं उनको ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वास्तव में इस योजना को लागू किया जा सकता है। इस योजना के बारे में यह सोचना गलत है कि लोग इसकी वजह से काम करना बंद कर देंगे। राजन ने अपनी राय में बताया कि इस योजना से गरीब लोगों को और मजबूती मिलेगी।”
हालांकि राजन ने यह भी कहा है कि इस योजना का मकसद महज पैसा देना ही नहीं बल्कि इसके माध्यम से एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार हो किया जाना है, जिससे गरीबों को सही तरीके से मदद मिल सके।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया है कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है तो न्यूनतम आय गारंटी योजना (‘न्याय’) के तहत देश के गरीबों की आमदनी 12 हजार रुपए प्रति महीना तक पहुंचाएंगे। राहुल ने यह भी कहा था कि इस योजना को लागू किये जाने को लेकर उन्होने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत देश के बड़े अर्थशास्त्रियों से बात की है।
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