तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन ने शनिवार को पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा कि हमारी सरकार राज्य में ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने और उद्योगों की स्थापना के लिए ठोस कदम उठाएगी।
सोरेन ने फेडरेशन ऑफ झारखंड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से रांची में आयोजित स्टार्टअप कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया।
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्टार्टअप पॉलिसी बनाई है, लेकिन इसे जितना बढ़ावा मिलना चाहिए था, उसमें थोड़ा पीछे है। सरकार जल्द ही स्टार्टअप को मजबूती और बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएगी। इसके जरिए युवा रोजगार से जुड़े और दूसरों को भी रोजगार दें, इस सोच के साथ हम आगे बढ़ेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद देश के नीति-निर्धारकों ने इस राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की अहमियत को समझा था। हमारे राज्य में कई बड़े उद्योग स्थापित हुए। टाटा और बिड़ला जैसे कई उद्योग समूहों ने अपने उद्योग लगाए। यहां कोल इंडिया की सबसे ज्यादा गतिविधियां संचालित हो रही हैं। देश की पहली फर्टिलाइजर इंडस्ट्री से लेकर माइनिंग इंस्टीट्यूट एवं उद्योग जगत की जननी से मशहूर हेवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड (एचईसी) भी हमारे राज्य में स्थापित है। लेकिन, बाद में समय और परिस्थितियां कुछ ऐसी बनती गई कि कई उद्योग-धंधे बंद हो गए। जिन उद्योगों का विस्तार होना था, वे सिमटते गए। इस वजह से लोग बेरोजगार भी हुए। हमारी सरकार उद्योगों की ऐसी बुनियाद डालना चाहती है, जिसका लाभ लोगों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी मिल सके।
इस मौके पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक रामेश्वर उरांव, पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, फेडरेशन ऑफ़ झारखंड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष किशोर मंत्री सहित बड़ी संख्या में उद्यमी-व्यवसायी मौजूद रहे।
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