निर्वाचन आयोग ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस से जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने से बचने की नसीहत दी और कहा कि चुनावों के दौरान भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं जा सकती।
Published: undefined
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विभाजनकारी भाषण को लेकर विपक्ष के आरोप पर बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा को नोटिस जारी करने के करीब एक महीने बाद आयोग ने उनके बचाव को खारिज कर दिया। साथ ही उन्हें (नड्डा) तथा उनकी पार्टी के स्टार प्रचारकों को धार्मिक एवं सांप्रदायिक आधार पर प्रचार नहीं करने को कहा।
Published: undefined
आयोग ने बीजेपी से समाज को बांटने वाले चुनावी भाषणों को बंद करने को भी कहा। नड्डा के साथ ही निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी ऐसा ही नोटिस जारी किया था और खड़गे से उनके और मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी द्वारा उनकी टिप्पणियों के संबंध में दायर शिकायतों पर जवाब देने के लिए कहा था।
Published: undefined
आयोग ने उनके बचाव को भी खारिज कर दिया और कांग्रेस से सुरक्षा बलों का राजनीतिकरण नहीं करने और सशस्त्र बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में विभाजनकारी बयान नहीं देने को कहा।
आयोग ने कांग्रेस से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि उसके स्टार प्रचारक और उम्मीदवार ऐसे बयान न दें जिससे यह गलत धारणा बने कि संविधान को समाप्त किया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने दोनों राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों से कहा कि वे अपने स्टार प्रचारकों को औपचारिक सलाह जारी करें ताकि वे अपने संवाद को सही कर सकें, सावधानी बरतें और शिष्टाचार बनाए रख सकें।
पीटीआई के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined