कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करना राज्य की जनता पर आक्रमण, प्रतिशोध की राजनीति तथा सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है, लेकिन वह एवं उसके मुख्यमंत्री झुकने वाले नहीं हैं।
ईडी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर सोमवार को मामला दर्ज किया।
Published: undefined
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह कर्नाटक की जनता पर आक्रमण है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जनता ने बीजेपी को बहुमत नहीं दिया। जब इनको पर्याप्त ‘एमएलए’ (विधायक) नहीं मिले तो पीएमएलए लेकर आए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आने के पहले दिन से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कोशिश कर रही है कि कर्नाटक की सरकार को अस्थिर किया जाए तथा यह भी इसी कड़ी में उठाया गया एक कदम है।
Published: undefined
रमेश ने दावा किया, ‘‘पिछले दो दिन से हम कर्नाटक में प्रतिशोध, उत्पीड़न और डराने-धमकाने की राजनीति देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभी तक कर्नाटक में बीजेपी की करारी हार बर्दाश्त नहीं कर पाए हैं। प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘ईडी के कुल राजनीतिक केस में 95 प्रतिशत केस सिर्फ विपक्ष के खिलाफ हैं। महाराष्ट्र की बात करें तो जिन लोगों ने दल-बदल किया और सरकार को तोड़ा, उन सबके केस ठंडे बस्ते में हैं। बीजेपी की ‘वाशिंग मशीन’ वाली ये सूची अखिल भारतीय स्तर पर बढ़ती ही जा रही है।’’
Published: undefined
उनका कहना था, ‘‘इसी सूची के साथ एक और सूची बढ़ती जा रही है, जिसमें जनादेश के साथ मुख्यमंत्री बने लोगों के खिलाफ काम किया जा रहा है। सिद्धरमैया जी के मामले में भी पीएमएलए के तहत नयी प्राथमिकी दर्ज हुई है। 'वाशिंग मशीन' का जुमला पुराना हो गया है। अब बीजेपी 'टाइम मशीन' के जरिए ईडी द्वारा दशकों पुराने केस को निकालकर जमानत को कुचलने का प्रयास कर रही है।’’
Published: undefined
सिंघवी के अनुसार, जिस समय का यह भूखंड आवंटन बताया जा रहा, उस समय सिद्धरमैया विपक्ष के एक विधायक थे और उस वक्त वह मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री या नेता प्रतिपक्ष नहीं थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी ने भूखंडों को लौटाने की जो पेशकश की वो उनके नैतिकता के पक्ष को दिखाता है।
सिंघवी ने कहा कि पीएमएलए का सिर्फ एक उद्देश्य विपक्ष के लोगों के डराना-धमकाना है, लेकिन अब इस कानून की दीवारे ढह रही हैं और आगे बची दीवारें भी गिर जाएंगी।
पीटीआई के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined