डॉ अरुंधति मुखर्जी को 2024 के लिए जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप अवार्ड दिया गया है। जवाहर लाल नेहरू स्मृति निधि (मेमोरियल फंड) द्वारा इस अवार्ड के तहत डॉ मुखर्जी ‘टेक्नालोजी ऑफ सेल्फ’ – ए फिलासॉफिकल क्लू टू रि-ह्यूमेनाइजेशन नामक प्रोजेक्ट पर काम करेंगी।
जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल फंड के प्रशासनिक सचिव एन बालाकृष्ण द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू की 135वीं जयंती के मौके पर जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप का ऐलान किया गया है।
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विज्ञप्ति के मुताबिक डॉ अरुंधति मुखर्जी ने जादवपुर विश्वविद्यालय से दर्शनशात्र में डॉक्टरेट किया है और वे ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को पढ़ाती हैं। वे बीते 14 वर्षों से अध्यापन में संलग्न हैं। डॉ मुखर्जी ने भाषाई दर्शनशास्त्र (फिलॉसफी ऑफ लेंग्वेज) और कला और सौंदर्य दर्शन (फिलॉसफी ऑफ आर्ट एंड एस्थेटिक्स) में व्यापक शोध किया है। वे इंडियन काउंसिल ऑफ फिलॉसफिकल रिसर्च में सीनियर फेलो रही हैं। डॉ मुखर्जी ने कई पुस्तकें लिखी हैं जिनमें ‘द प्रॉब्लम ऑफ लिंग्विस्टिक यूनिवर्सल्स’ भी शामिल है। उनके कई शोधपत्र भी प्रकाशित हुए हैं।
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जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप दो साल के लिए दी जाती है, इसके तहत प्रतिमाह एक लाख रुपए का मानदेय और 75,000 रुपए वार्षिक की आकस्मिक राशि दी जाती है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि जवाहर लाल नेहरू फंड अब तक 162 अभ्यर्थियों को जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप से पुरस्कृत कर चुका है।
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