देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत श्री राजीव गांधी पर पीएम मोदी की टिप्पणी का विरोध हो रहा है। विपक्षी दलों के नेताओं के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के 200 से ज्यादा शिक्षकों ने पीएम के बयान की निंदा की है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो सौ से ज्यादा शिक्षकों ने एक आलोचना पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
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इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक चुनावी सभा में अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी कहने पर भी मोदी की आलोचना की। उन्होंने मोदी को चुनौती दी कि लोगों का ध्यान हटाने के बजाय वह विकास जैसे मुद्दों पर लोकसभा चुनाव लड़ें। अंबाला से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी शैलजा के समर्थन में आयोजित सभा में कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘इस देश ने अहंकार और अहम को कभी माफ नहीं किया है। इतिहास इसका साक्षी है, महाभारत इसका साक्षी है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘दुर्योधन में भी ऐसा ही अहंकार था। जब भगवान कृष्ण उसे समझाने गए तो उसने उन्हें बंधक बनाने का प्रयास किया।’’ प्रियंका ने हिंदी कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां भी पढ़ीं- ‘‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।’’ उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री में साहस है तो उन्हें विकास, रोजगार, किसानों और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। प्रियंका ने कहा कि उन्हें जनता का सामना करना चाहिए और बताना चाहिए कि पिछले पांच साल में उन्होंने लोगों के लिए क्या किया है और भविष्य में उनकी क्या करने की योजना है।
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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर पलटवार किया था। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मोदीजी, लड़ाई खत्म हो चुकी है। आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं। खुद के बारे में खुद के भीतर की सोच को मेरे पिता पर थोपना भी आपको नहीं बचा पाएगा। सप्रेम।'
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