17 जून को शुरू होने वाले संसद के सत्र से पहले संसद भवन में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में सभी दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा शामिल हुए। मीटिंग के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विचारधारा की लड़ाई थी, है और हमेशा रहेगी। धर्मनिरपेक्षता जो देश की संस्कृति है, उसको बचाने के लिए हम काम करते रहेंगे। उहोंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है और केंद्रीय संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है।
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कांग्रेस नेता ने कहा, “कुछ मुद्दे हैं, जिसपर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। किसान, सूखा और पीने के पानी पर ध्यान देने की जरूरत है। देश में 45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है, उसपर ध्यान देने की जरूरत है।”
गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हमने सरकार से कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं, पंचायत के चुनाव हो सकते हैं तो आप विधानसभा के चुनाव क्यों नहीं करा सकते हैं। हम वो सभी कानून पास कराएंग जो जनता के हित में होगी।”
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सर्वदलीय बैठक में ये नेता हुए शामिल:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, पीडीपी प्रमुख फारुख अब्दुल्ला, दीपेन्दू उपाध्याय, अधिरंजन चौधरी, ललन सिंह, गुलाम नबी आजाद, सुप्रिया सुले, अनुप्रिया पटेल, आनंद शर्मा और डी राजा समेत कई नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में शिरकत की।
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