हैदराबाद में 2007 में हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में हैदराबद की एक एनआईए अदालत ने सोमवार को दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। इन हमलों में 42 लोगों की मौत हुई थी। अदालत ने इसी मामले में एक तीसरे अपराधी को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है। स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस मामले में अनीक सईद और इस्माइल चौधरी को मौत की सजा सुनाई है जबकि तीसरे आरोपी तारीक अंजुम को आजीवन कारावास की सजा दी है। मौत की सजा पाए दोनों आरोपी कथित तौर पर इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के लिए काम करते थे। इससे पहले 4 सितंबर को अदालत ने इन तीनों को हैदराबाद ब्लास्ट मामले में दोषी माना था।
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ये फैसला घटना के 11 साल बाद आया है। बता दें कि हैदराबाद में 25 अगस्त, 2007 को हुए एक के बाद एक दो बम धमाकों में 42 लोगों की मौत हो गई थी और 68 लोग घायल हुए थे। ये धमाके गोकुल चाल और लुम्बिनी पार्क में शाम को करीब 7 बजकर 45 मिनट पर हुए थे। एक बम को एक भोजनालय के बाहर और दूसरे को हैदराबाद के ओपन एयर थिएटर में रखा गया था। गोकुल चाट में हुए धमाके में 32 लोग मारे गये थे, जबकि लुम्बिनी पार्क में 10 लोगों की मौत हुई थी। उसी रात को दिलसुखनगर से भी एक जिंदा बम बरामद हुआ था, जिसे पुलिस ने निष्क्रिय कर दिया था।
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बता दें कि जांच एजेंसियों के आरोपपत्र में इस मामले में नामजद तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं, जिसमें इंडियन मुजाहिदीन का संस्थापक रियाज भटकल, उसका भाई इकबाल और आमिर रजा खान का नाम शामिल है। वहीं अदालत के फैसले के बाद मौत की सजा पाने वाले अनीक सईद के वकील ने कहा कि वे इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
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